नई दिल्ली। देश में कोरोना केसेज कम होने के बाद ढील देने के साथ ही केसेज एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। इस बार बच्चों के पॉजिटिव होने की खबरें ज्यादा आ रही है। जैसा की तीसरी लहर में बच्चों के पॉजिटिव होने का अंदेशा जताया गया था वैसे ही इस बार स्कूलों से बच्चों के पॉजिटिव होने की खबरें आ रही हैं। जयपुर के एक स्कूल के हॉस्टल में एक साथ 12 बच्चों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बंगलुरु के एक इंटरनेशनल बोर्डिंग स्कूल में एक साथ 34 बच्चों के पॉजिटिव होने की खबर ने चौंकाकर रख दिया है।
बेंगलुरु के एक अंतर्राष्ट्रीय बोर्डिंग स्कूल के 33 छात्र और एक कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। ये जानकारी कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को दी। इसके बाद अधिकारियों ने स्कूल के सभी 297 छात्रों और 200 स्टाफ सदस्यों का कोरोना टेस्ट करवाया है। विभाग के अनुसार, नागपुर के 2 बच्चों ने बुखार और अन्य कोरोना लक्षणों की शिकायत की थी। जब उनका टेस्ट किया गया, तो वे कोरोना संक्रमित पाए गए। जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधन अन्य 174 छात्रों और स्टाफ सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमित बच्चे हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी कक्षा के हैं। जिला अधिकारियों ने बच्चों की चिकित्सा स्थिति की निगरानी के लिए एक तालुक स्वास्थ्य अधिकारी और एक चिकित्सा अधिकारी को ड्यूटी पर तैनात किया है। उन्होंने कहा कि इस बीच कोरोना प्रकोप के मद्देनजर स्कूल फिर से ऑनलाइन कक्षाओं में तब्दील हो रहे हैं। स्कूल प्रशासन ने बताया कि बच्चों को उनके घर भेज दिया गया है। बोर्डिंग स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय छात्र भी हैं और वे भी जल्द ही अपने-अपने देश वापस चले जाएंगे।
इस बीच एक और अंतर्राष्ट्रीय स्कूल में दो भाई-बहन पिछले सप्ताह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसे चार दिनों के लिए बंद कर दिया गया था, अब 29 नवंबर से वापस खुलने जा रहा है।
कोरोना के मामलों का पता लगाने के लिए, व्हाइटफील्ड के एक अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्कूल ने हर 21 दिनों में छात्रों के लिए कक्षाएं के आधार पर कोरोना टेस्ट करवाने का फैसला किया है।
धारवाड़ के एसडीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में भी गुरुवार को 66 छात्र कोरोना पॉजिटिव मिले।