नई दिल्ली। लोकसभा में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानून वापसी का बिल पेश किया, जिसे पास भी कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कानून वापसी पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष से कहा कि आप चर्चा चाहते हैं तो हम वो करवाने को तैयार हैं, लेकिन विपक्ष ने नारेबाजी जारी रखी। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

कृषि मंत्री ने तीनों कृषि कानून निरस्त करने पस्ताव पेश किया
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर एक बिल पेश किया, जिसमें तीन कृषि कानूनों फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कामर्स (प्रमोशन एंड फैसिलेशन) एक्ट, 2020 और द असेंसिशयल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 को निरस्त किए जाने का प्रस्ताव रखा गया जिसे लोकसभा में पास कर दिया गया।

पिछले साल केंद्र ने पारित किए थे ये तीनों कानून
ये तीनों कानून पिछले साल केंद्र सरकार ने पारित कराए थे, जिन्हें विपक्षी दलों से लेकर किसान संगठनों तक के अभूतपूर्व विरोध का सामना करना पड़ा। इन कानूनों की वापसी के लिए किसान संगठन पिछले एक साल से दिल्ली की सीमाओं को घेरे बैठे हैं। लगातार विरोध के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी।

एमएसपी और किसानों की समस्याओं पर चर्चा हो
इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून वापस हो चुके हैं, लेकिन अब एमएसपी और किसानों की समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए। हम 4 दिसंबर को एक बैठक करेंगे और उस पर आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।