अंटार्कटिका। अंटार्कटिका की बर्फ पर पहली बार भारी भरकम एयरबस A340 विमान उतारकर एक कंपनी नया इतिहास रच दिया। पर्यटन के क्षेत्र में काम करने वाले इस कंपनी समूह ने एयरबस ए-340 को अंटार्कटिका में सुरक्षित लैंड कराने का कारनामा कर दिया है। Hi Fly नाम की एक एविएशन कंपनी ने इस फ्लाइट को अंजाम दिया।

केप टाउन से भरी थी उड़ान
Hi Fly 801 की इस फ्लाइट ने मंगलवार 23नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन से उड़ान भरी थी और पांच घंटे के सफर के बाद यह अंटार्कटिका में लैंड हुई। अंटार्कटिका से केपटाउन के लिए वापसी की उड़ान भरने वाली फ्लाइट को Hi Fly 801 नाम दिया गया।

6 ट्रायल के बाद मिली सफलता
अंटार्कटिका में सालभर बर्फ की कई मीटर ऊंची परत जमी रहती है। इस बर्फ पर ही रनवा बनाया गया है, जो 3000 फीट लंबा है। 290 यात्री क्षमता वाले 223 फीट लंबे विमान को लैंड करने से पहले यहां 2019 से 2020 के बीच करीब 6 ट्रायल किए थे।

कई प्रोजेक्ट्स पर कर रही है कंपनी काम
इस कंपनी Hi Fly के सूत्रों के अनुसार अंटार्कटिका उभरता हुआ पर्यटन क्षेत्र है। इसलिए, कंपनी यहां कई दूसरे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। यह कंपनी वेट लीज में विशेषता रखती है। इसका मतलब यह है कि वे एयरक्राफ्ट और एयर क्रू को किराए पर लेती है और इंश्योरेंस, मेंटेनेंस और बाकी लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी भी कंपनी ही उठाती है।

वुल्फ गैंग रिजॉर्ट के लिए लाई गईं सप्लाई
इस प्लेन को अंटार्कटिका में काम कर रहे वुल्फ्स गैंग नाम के एडवेंचर कैंप ने कमीशन किया था। प्लेन से वुलफ्स गैंग रिजॉर्ट के लिए कुछ जरूरी सप्लाई लाई गई थीं। बताया गया है कि इस प्लेन को कैप्टन कार्लोस ने उड़ाया था, कैप्टन कार्लोस Hi Fly के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं और उन्होने वापसी की फ्लाइट भी उड़ाई। इस टीम ने अंटार्कटिका पर करीब 3 घंटे बिताए और इस पूरी यात्रा में 2,500 नॉटिकल माइल कवर किए गए।

कोई एयरपोर्ट नहीं है अंटार्कटिका पर
पहली बार ऑस्ट्रेलिया के मिलिट्री पायलट और एक्सप्लोरर जॉर्ज हुबर्ट विल्किंस ने 1928 में अंटार्कटिका तक उड़ान भरी थी। वे लॉकहीड वेगा 1 मोनोप्लेन से अंटार्कटिका पहुंचे थे। अब तक अंटार्कटिका पर कोई एयरपोर्ट नहीं बना है, लेकिन यहां 50 लैंडिंग स्ट्रिप और रनवे हैं।