नई दिल्ली: बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री एम हसन महमूद ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। ‘धर्मनिरपेक्षता बांग्लादेश की आत्मा है’ पर जोर देते हुए गुरुवार को कहा कि ‘हम बांग्लादेश गणराज्य हैं न कि इस्लामिक गणराज्य बांग्लादेश।’ हसन महमूद कोलकाता प्रेस क्लब में ‘बंगबंधु संगबाद केंद्र’ (मीडिया सेंटर) के उद्घाटन के दौरान बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के करीबी तत्व जिन्होंने 1971 के मुक्ति संग्राम का विरोध किया था, वे अपने देश में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। हाल ही में बांग्लादेश को हिलाकर रख देने वाली सांप्रदायिक हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। उन्होंने जोर देकर कहा कि धर्मनिरपेक्षता “राष्ट्र और उसके संविधान” की मार्गदर्शक भावना बनी हुई है।

बांग्लादेश में हाल के सांप्रदायिक दंगों के बारे में बोलते हुए जहां हिंदुओं को निशाना बनाया गया और कुछ जगहों पर दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा, “कुछ पार्टियां सांप्रदायिक हिंसा को भुनाती हैं। बीएनपी, जमात सांप्रदायिकता में विश्वास करते हैं।

कोई भी हिंदू कुरान को पूजा मंडप में नहीं डाल सकता है। ये बांग्लादेश को अस्थिर करने के लिए राजनीतिक चालें थीं। इकबाल हुसैन ने कुरान को पूजा मंडप में रखा। हमारी सरकार ने सख्त कार्रवाई की है।”

ढाका से लगभग 100 किलोमीटर दूर कुमिला में एक दुर्गा पूजा मंडप में कथित ईशनिंदा की घटना को लेकर बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद कई प्रभावित क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया था।

मीडिया में हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा स्थलों में तोड़फोड़ की खबर आने पर पुलिस और कट्टरपंथियों के बीच छिटपुट झड़पें हुईं। झड़पों में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने कुमिला निवासी 30 वर्षीय इकबाल हुसैन की पहचान इस कृत्य को करने वाले व्यक्ति के रूप में की।

“हमने हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। हम बांग्लादेश में हिंदू या मुस्लिम में विश्वास नहीं करते हैं। सबसे पहले हम बंगाली हैं और उसके बाद ही हम अपने धर्म से जाने जाते हैं। जो अपराधी घटना में शामिल हैं देश में अराजकता पैदा करना चाहता था। उन हमलों में बीएनपी-जमात के कार्यकर्ता शामिल थे।”