मैच समाप्त होने के बाद एक दूसरे के गले मिलते किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन दोनों ने एक दूसरे को पदक जीतने की बधाई भी दी।

किदांबी श्रीकांत ने जीता मैच तो लक्ष्य सेन ने दिल, पहली बार विश्व चैंपियनशिप के एक ही टूर्नामेंट में दो पुरुष खिलाड़ी भारत के लिए लाएंगे पदक

ह्यूएल्वा। वाह क्या मैच था। शानदार, जानदार और कांटे की टक्कर। स्पेन के शहर ह्यूएल्वा में चल रही विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में शनिवार को दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच खेल प्रशंसकों को ऐतिहासिक मुकाबला देखने को मिला। भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत और नए उभरते खिलाड़ी लक्ष्य सेन के बीच जोरदार टक्कर हुई। यह मैच अनुभवी खिलाड़ी श्रीकांत भले ही जीत गए, लेकिन सबसे ज्यादा प्रशंसा लक्ष्य सेन के गेम की हो रही है। 69 मिनट तक चले इस मैच में श्रीकांत ने 17-21, 21-14, 21-17 से जीत हासिल की । पहला सेट लक्ष्य सेन ने जीता इसके बाद श्रीकांत ने मैच में वापसी की, लेकिन 20 वर्षीय लक्ष्य ने श्रीकांत को आसानी से नहीं जीतने दिया। उन्होंने मैच के अंतिम क्षणों तक जोरदार संघर्ष किया। हालांकि 28 वर्षीय खिलाड़ी के श्रीकांत अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए मैच को जीत गए।

लक्ष्य सेन को मिलेगा कांस्य पदक,  स्वर्ण पदक के लिए सिंगापुर के खिलाड़ी से भिड़ेंगे श्रीकांत

लक्ष्य सेन को हराने के साथ ही श्रीकांत ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है, जहां उनका मुकाबला रविवार को सिंगापुर के लो कीन यू से होगा। भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब किसी पुरुष खिलाड़ी ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई है। इसके साथ ही एक टूर्नामेंट में पहली बार दो भारतीय पुरुष खिलाड़ियों को 2 पदक मिलेंगे। लक्ष्य सेन भले ही सेमीफाइनल हार गए, लेकिन उन्हें कांस्य पदक मिलेगा। रविवार को होने वाले फाइनल मैच में श्रीकांत स्वर्ण या रजत जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बनेंगे। श्रीकांत और लक्ष्य से पहले प्रकाश पादुकोण ने 1983 में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। वहीं साई प्रणीत ने 2019 में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था।

पदक जीतने के मामले में पीवी सिंधु आगे

विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष खिलाड़ियों से आगे भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। पीवी सिंधु भारत की एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। पीवी सिंधु ने 2019 में स्वर्ण पदक जीता था, जबकि 2017 और 2018 में उन्होंने रजत पदक जीता। इसके अलावा सिंधु दो बार कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। पीवी सिंधु 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीती थीं। इसके अलावा भारत में महिला बैडमिंटन को पहचान दिलाने वाली साइना नेहवाल 2015 में रजत पदक और 2017 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। वहीं महिला युगल में भी भारत को एक पदक मिला है। 2011 में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने कांस्य पदक जीता था। हालांकि पीवी सिंधु इस बार क्वार्टर फाइनल में मैच हार गई थीं।