नगर निगम भोपाल उन बकायादारों पर कोई अधिभार नहीं लगाएगा, जिनकी संपत्तिकर की राशि बहुत कम है। साथ ही संपत्तिकर सहित निगम को जाने वाले कराें की राशि यदि 20 हजार से अधिक है, तो निगम 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच 3 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से अधिभार लेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष के संपत्तिकर व अधिभार सहित छूट को लेकर निगम प्रशासन ने रविवार को नए आदेश जारी कर दिए हैं। ननि भोपाल के अधिकारियों की मानें तो निगम द्वारा ली जा रही है अधिभार की राशि प्रदेश के चार बड़े शहरों इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में सबसे कम है।

छूट को लेकर भी बनाया नवीन नियम
साथ ही लोग 1 अप्रैल से 31 अगस्त के बीच अपने संपत्तिकर की राशि जमा कर देते हैं, तो उन्हें 6% की छूट दी जाएगी। निगम द्वारा जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से 7 नवंबर से लागू हो गए हैं। इस आदेश के तहत 31 मार्च के बाद भी यदि कोई अपना संपत्तिकर नहीं भरता है, तो उस पर 15% की दर से वार्षिक अधिकतम अधिभार लगाया जाएगा। 

1 सितंबर से 31 दिसंबर के बीच न मिलेगी छूट न लगेगा अधिभार
नवीन नियम के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक संपत्तिकर पर 6% की छूट दी जाएगी, जबकि 1 सितंबर से 31 दिसंबर तक संपत्तिकर पर न कोई छूट नहीं मिलेगी और न ही अधिभार लिया जाएगा। संपत्तिकर की राशि 20 हजार होने पर 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच संपत्तिकर व अन्य देय कर पर न कोई छूट और न कोई अधिभार लगेगा। 1 जनवरी से 31 मार्च तक संपत्तिकर एवं अन्य देय कर मिलाकर कर की राशि 20 हजार से अधिक होने पर कोई छूट नहीं दी जाएगी, बल्कि 3 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से अधिभार लिया जाएगा। 31 मार्च के बाद संपत्तिकर एवं अन्य देय करों की राशि सहित बकाया राशि पर 15 प्रतिशत अधिकतम अधिभार लगाया जाएगा।