नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में फैले ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे को देखते हुए भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सोमवार को नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, रिस्क देशों से आने वाले सभी यात्रियों को आने के साथ ही कोरोना टेस्ट से गुजरना होगा।
कोविड टेस्ट की शर्त तब भी लागू रहेगी, जबकि आने वाले यात्री पूरी तरह वैक्सीनेटेड हों। टेस्ट में निगेटिव मिलने वाले यात्री घर जा सकेंगे, 7 दिन आइसोलेशन में रहने के बाद 8वें दिन दोबारा टेस्ट किया जाएगा। दूसरी बार निगेटिव मिलने के बाद भी अगले 7 दिन तक सेल्फ मॉनिटरिंग की शर्त पूरी करनी होगी।
भारत में पिछले 24 घंटे में सामने आए 8,309 कोरोना केस
पिछले 24 घंटों के दौरान भारत में 8,309 कोरोना केस सामने आए हैं। वहीं, इस दौरान 236 लोगों की कोरोना से जान भी गई है। इन खतरों को देखते हुए केंद्र सरकार ने नियम कड़े किए हैं और हाई रिश्क वाले देशों से आने वाले यात्रियों को टेस्ट अनिवार्य किए गए हैं।
गाइडलाइन्स की ये हैं मुख्य बातें
खतरे की श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। बाहर जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले किए गए टेस्ट की रिपोर्ट देना अब जरूरी होगा। पॉजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों को आइसोलेट किया जाएगा, सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होगी।
निगेटिव पाए गए यात्री घर जा सकेंगे, पर 7 दिन तक आइसोलेट रहना होगा। 8वें दिन फिर टेस्ट होगा और अगले 7 दिन उन्हें सेल्फ मॉनीटिरिंग करनी होगी। ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5 फीसदी की टेस्टिंग जरूर की जाएगी। राज्य भी अपने अपने राज्यों में विदेशों से आने वाले यात्रियों की निगरानी करें, टेस्ट बढ़ाएं और कोरोना हॉटस्पॉट की भी निगरानी रखें।