मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और वर्तमान डीजी होम गार्ड परमबीर सिंह अचानक गुरुवार को मुंबई के क्राइम ब्रांच में प्रकट हो गए। वे 232 दिनों से अपने ऑफिस से गायब चल रहे थे। वे सबसे पहले क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचे और DCP नीलोत्पल के सामने अपना बयान दर्ज करवाया।

मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम सिंह के खिलाफ गोरेगांव में दर्ज फिरौती के एक मामले की जांच कर रही है। इस मामले में सिंह के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ था और कुछ दिन पहले उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया गया था।

मुंबई पुलिस के सामने पेश होने के लगाए जा रहे थे कयास
इससे पहले कल बुधवार को अचानक उनका फोन चंडीगढ़ में ऑन हुआ था। इसके बाद से ही जानकारों द्वारा यह अनुमान लगाए जा रहे थे कि परमबीर जल्द ही मुंबई पुलिस के सामने पेश हो सकते हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह को बड़ी राहत देते हुए जांच में सहयोग करने की शर्त पर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। उस दौरान अदालत में उनके वकील ने कहा था कि परमबीर सिंह को पूरे मामले में फंसाया जा रहा है।

उन्होंने जिन अधिकारियों को भ्रष्ट आचरण के लिए दंडित किया है, उन्हीं को आज शिकायतकर्ता बनाया गया है। अदालत में उनके वकील ने यह भी कहा था कि मुंबई में परमबीर की जान को खतरा है, इसलिए वे मुंबई शहर से बाहर हैं। अब तक उनके खिलाफ 5 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

मई के महीने से ही गायब थे परमवीर 
महाराष्ट्र के गृह विभाग ने परमबीर के गायब होने की जानकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो को भी दे दी थी। गौरतलब है कि परमबीर मई के महीने से स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर जाने के बाद से ही लापता थे। गृह विभाग ने सिंह को उनके चंडीगढ़ स्थित आवास पर कई पत्र भेजे और उनके ठिकाने के बारे में पूछताछ भी की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

पिछले महीने महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा था कि वे भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों के प्रावधानों को देख रहे हैं।

मुंबई की ठाणे पुलिस ने जारी किया था लुकआउट नोटिस
मुंबई की ठाणे पुलिस ने जुलाई में परमबीर सिंह के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था, क्योंकि वह पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ उनके द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित चांदीवाल आयोग के सामने वे पेश नहीं हुए तो पहले उनके खिलाफ 5, फिर 25 और फिर 50 हजार का जुर्माना लगाया था और फिर जमानती वारंट जारी हुआ था।

परमबीर के खिलाफ SIT कर रही जांच
महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने परमबीर सिंह के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए 7 सदस्यीय एसआईटी टीम गठित की थी। इस टीम की अध्यक्षता पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। बता दें कि विमल अग्रवाल नाम के व्यापारी के खिलाफ जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज मकोका के केस की जांच भी एसआईटी की टीम करेगी। परमबीर के कमिश्नर रहने के दौरान विमल अग्रवाल पर छोटा शकील से संबंध होने का आरोप लगाते हुए मकोका का केस दर्ज हुआ था।

परमबीर के खिलाफ दर्ज हैं राज्य की पुलिस 5 केस
राज्य की सीआईडी और ठाणे पुलिस ने परमबीर के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है। सिंह के खिलाफ अब तक 5 मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक की जांच मुंबई, एक की ठाणे और तीन मामलों की जांच राज्य की सीआईडी कर रही है।