लखनऊ। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पार्टी की एक रैली में मो. अली जिन्ना की तारीफ कर बुरे फंस गए हैं। उन्होंने रविवार को रैली में कहा, “सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और (मोहम्मद अली) जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की और बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई।”

इध भाजपा ने उनके इस बयान को हाथो-हाथ लेकर उन्हें घेरना शुरू कर दिया है। मो. अली जिन्ना की तारीफ कर बुरे फंसने वाले केवल अखिलेश यादव अकेले नहीं हैं। इससे पहले पाकिस्तान जाकर पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी जिन्ना की तारीफ कर दी। बताया जाता है कि इस घटना के बाद लगातार एलके आडवाणी के राजनैतिक कॅरियर का ग्राफ नीचे आता गया।

होने लगी बयानबाजी
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर चुके अखिलेश यादव की यह बात सुनकर मुलायम सिंह भी अपना सिर ऊंचा रखेंगे। देश मुहम्मद अली जिन्ना को बंटवारे का खलनायक मानता है। जिन्ना को आजादी का हीरो कहना ही मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति है।” एक ट्वीट में अखिलेश यादव के भाषण की एक वीडियो क्लिप को टैग कर उसमें लिखा, “सरदार पटेल की जयंती पर, अखिलेश यादव जिन्ना की प्रशंसा क्यों कर रहे हैं?” बीजेपी सांसद बृजलाल ने अखिलेश यादव पर मुस्लिम तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति को राष्ट्रीय भावनाओं से ऊपर रखने का भी आरोप लगाया। अब तक अखिलेश यादव ने अपने अभियान को भाजपा सरकार के खराब शासन और किसानों, युवाओं और महिलाओं की दुर्दशा पर केंद्रित किया है।
उन्होंने जानबूझकर मुस्लिम तुष्टीकरण में शामिल होने से किनारा कर लिया है, लेकिन जिन्ना पर उनकी टिप्पणियों ने अब उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है।