वॉशिंगटन। बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर खतरा एक बार फिर बढ़ गया है। इसे देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने भी बोत्सवाना में मिले नए वैरिएंट को लेकर चेतावनी दी थी। इसमें 32 म्यूटेशन हो रहे हैं, जिस वजह से वैक्सीन भी इसके खिलाफ कारगर नहीं है। यह वैरिएंट अपने स्पाइक प्रोटीन में बदलाव कर काफी तेजी से फैल रहा है।
दक्षिण अफ्रीका में नए कोविड वैरियंट के 22 केस डिटेक्ट
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफेक्शियस डिजीज, दक्षिण अफ्रीका के अनुसार- देश में इस वैरिएंट के अब तक 22 केस मिले हैं। वैज्ञानिकों ने इसे B.1.1.529 नाम दिया है। इसे वैरिएंट ऑफ सीरियस कंसर्न बताया है। डब्ल्यूएचओ में कोरोना मामले की तकनीकी प्रमुख डॉ मारिया वान केरखोव ने कहा कि हमें इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। मल्टिपल म्यूटेशन की वजह से वायरस के बिहेवियर में बदलाव हो रहा है और यह चिंता की बात है।
ब्रिटेन 6 देशो की फ्लाइट्स पर लगाई रोक
ब्रिटेन ने नए वैरिएंट के खतरे के मद्देनजर हुए अफ्रीका के 6 देशों आने वाली फ्लाइट्स पर फिलहाल रोक दिया है। इनमें दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, जिंबाब्वे, लिसोथो और एसवाटिनी शामिल हैं। ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी साजिद जाविद ने बताया- देश की हेल्थ एजेंसी नए वैरिएंट की जांच कर रही है। हमें और डेटा की जरूरत है, लेकिन हम सावधानी बरत रहे हैं। इन 6 अफ्रीकी देशों को रेड लिस्ट में डाला जाएगा और ब्रिटेन आने वाले यात्रियों को क्वारैंटाइन में रहना होगा।
दक्षिण अफ्रीका से हॉन्गकॉन्ग भी पहुंचा नया वैरिएंट
साउथ अफ्रीका से हॉन्गकॉन्ग पहुंचे लोगों में भी इस वैरिएंट का संक्रमण पाया गया है। नया वैरिएंट सबसे पहले रीगल एयरपोर्ट होटल में ठहरे 2 लोगों में पाया गया। हॉन्गकॉन्ग के सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन (CHP) के मुताबिक, जांच से पता चला है कि दोनों मामले B.1.1.529 वैरिएंट के ही हैं। पहले शख्स ने एयर वाल्व वाला मास्क पहना था और इस मास्क की वजह से ही दूसरे शख्स में वायरस का संक्रमण पहुंचा।
भारत में भी बरती जा रही विशेष सर्तकता
भारत में भी हॉन्गकॉन्ग और बोत्सवाना से आने वाले यात्रियों की जांच में सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए सभी एयरपोर्ट्स को दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। राज्यों से कहा गया है कि वे दक्षिण अफ्रीका, हॉन्गकॉन्ग और बोत्सवाना से आने वाले यात्रियों की अच्छी तरह से जांच करें। राज्यों और यूटीएस को लिखे एक लेटर में हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण ने कहा- पॉजिटिव पाए जाने वाले सैंपल्स को तुरंत जीनोम सीक्वेंसिंग लैबोरेटरी में भेजा जाए। देश की नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने भी इस वैरिएंट के लेकर आगाह किया है।