Chardham Yatra : उत्तराखंड में चार धाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पंडितों ने बताया है कि जल्द ही गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुल जाएंगे। कपाट खुलेने से तीर्थयात्रियों ने दर्शन का लाभ मिलेगा। केदारनाथ धाम के कपाट 26 अप्रैल को और गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को खुलेंगे। पूर्व में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 27 अप्रैल निर्धारित थी।
कपाट खुलने की तारीख घोषित होने के बाद श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। गुरुवार को बसंत पंचमी के अवसर पर उत्तराखंड के नरेंद्र नगर में हुई बैठक में पंचांग गणना के बाद विधि-विधान के साथ बद्रीनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय हुई है। विधि-विधान से बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के ठीक 15 दिन पहले गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसकी तारीख 12 अप्रैल 2023 तय की गई है।
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घरों में आई दरारों को लेकर लोगों के मन में संशय-
जोशीमठ संकट और वहां के घरों में आई दरारों को लेकर लोगों के मन में संशय बना हुआ है। जिस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बयान देकर इस संशय को खत्म कर दिया है। सीएम धामी ने कहा है कि चार धाम यात्रा की तैयारियां पूरी जोर-शोर से चल रही हैं। सीएम ने कहा है कि रास्तों की मरम्मत के साथ ही अन्य सुविधाएं भी सुधारी जाएंगी। बता दें कि साल 2022 में चारधाम यात्रा को लेकर नया रिकॉर्ड बना था। पिछले साल चार धाम की यात्रा के दौरान करीब 211 करोड़ का कारोबार हुआ था और पहली बार चार धाम की यात्रा में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे।
जानें कहाँ स्थित हैं गंगोत्री और यमुनोत्री धाम –
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। गंगोत्री प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगोत्री हिमानी का अन्तिम छोर है और गंगा नदी का उद्गम स्थान है। गंगोत्री का गंगाजी मंदिर, समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भागीरथी के दाहिने ओर का परिवेश अत्यंत आकर्षक एवं मनोहारी है।
यह स्थान उत्तरकाशी से 100 किमी की दूरी पर स्थित है। गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18 वी शताब्दी के शुरूआत में किया गया था। वर्तमान मंदिर का पुननिर्माण जयपुर के राजघराने द्वारा किया गया था। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैया के दर्शन करने के लिए लाखो श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते हैं। वहीं, यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते हैं।