Mahashivratri and Holika Dahan: हिन्दी पंचांग का अंतिम माह फाल्गुन लग गया है। यह महीना तीज-त्योहार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस महीने केअंतिम दिन होलिका दहन होता है और अगले दिन रंग खेला जाता है। इसके अलावा इसी महीने बाबा भोले की आराधना का पर्व शिवरात्रि भी मनाया जाता है।
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इस तिथि पर ही भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। ये पर्व इस साल 18 फरवरी को है। मान्यता है कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा को महर्षि अत्रि और देवी अनुसूया से चंद्रमा की उत्पत्ति हुई थी। इस कारण इस दिन चंद्रमा की विशेष आराधना कर चंद्रमा से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना की जाती है।
इस बार फाल्गुन 6 फरवरी से शुरू हो रहा है। हिंदू पंचांग में वर्ष का अंतिम माह फाल्गुन होता है जो कि 7 मार्च तक रहेगा। फाल्गुन माह में हिंदुओं के कई प्रमुख त्योहार होते हैं। इनमें महाशिवरात्रि, विजया एकादशी, होलिका दहन, होली आदि प्रमुख हैं। ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन में भगवान विष्णु-लक्ष्मी, श्रीकृष्ण और चंद्रमा की यदि विधि-विधान से पूजा की जाए तो यह बहुत फलदायी होता है।
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होली 2023 की तारीख- फाल्गुन मास की शुरुआत 6 फरवरी से हो चुकी है, इसी महीने के कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है। इससे 8 दिन पहले होलिकाष्टक लग जाता है। होली का त्योहार दो दिन का होता है, जिसमें पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन होली खेली जाती है। इस साल होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा, यानी 8 मार्च को होली खेली जाएगी।
भगवान विष्णु और श्री कृष्ण आराधना का महीना
फाल्गुन महीना भागवान विष्णु की आराधना का महीना है। इसी महीने श्रीकृष्ण की पूजा के करना भी शुभ होता है। ज्योतिषाचर्याें के अनुसार सुगंधित फूलों से श्रीकृष्ण की आराधना करनी चाहिए। इस महीने श्री कृष्ण की पूजा करने से समृद्धि और सुख बढ़ता है।
मिलती है आरोग्य और सुख-समृद्धि-
इस महीने में शंख में सुगंधित जल और दूध भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस महीने भगवान श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का नैवेद्य लगाने से आरोग्य और समृद्धि मिलती है।
फाल्गुन माह में 3 बातों का रखें ध्यान-
स्वास्थ्य का रखें ध्यान: फाल्गुन आते ही मौसम में बदलाव आप महसूस करने लगे होंगे। इसलिए मौसम के अनुकूल भोजन करें। बहुत तली हुई, वसायुक्त तथा तामसी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाले भोजन से बचें। आज कल मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थ तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ऐसे में इनका सेवन लाभदायक रहेगा। फलों का सेवन अधिक करना चाहिए ताकि पाचन क्रिया पर इसका कोई असर न हो।
CONCLUSION
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