Navratri Pujan Samagri
Navratri Pujan Samagri

Navratri Pujan Samagri : हिंदू धर्म में चौत्र नवरात्रि का खास महत्व होता है। नौ दिनों तक चलने वाला चौत्र नवरात्रि का त्योहार शुरू होने वाला है। इस त्योहार में मां दुर्गा की पूजा का विशेष ध्यान दिया जाता है, कहीं पूजा के कोई सामना में कोई कमी तो नहीं रह गई। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि इन नौ दिनों में माता की पूजा-अर्चना कैसे करें जिससे माता हम पर प्रसन्न हो जाए।

चौत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है।ऐसी मान्यता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा की आराधना से भक्तों को माता का विशेष आशीर्वाद मिलता है। कई लोग माता रानी को खुश करने के लिए नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। नवरात्रि में कुछ मंत्रों के जाप की विशेषता बताई गई है। इस बार नवरात्रि में गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग, हंस योग, राजलक्षणा योग और धर्मात्मा जैसे शुभ योग बन रहे हैं। साथ ही 5 ग्रह एक साथ मीन राशि में संयोग बना रहे हैं।

ग्रहों और शुभ योग के इस संयोग से चौत्र नवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है। नवरात्रि में कलश स्थापना की जाती है और इसके लिए कुछ चीजों की जरूरत होती है, जिनको कुछ दिन पहले ही घर लेकर आना होता है। इन चीजों के बिना कलश स्थापना और मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है। माना जाता है कि इन मंत्रों के जाप से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इन मंत्रों का जाप केवल नवरात्रि ही नहीं, बल्कि नियमित रूप से भी कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम पूजा सामाग्री के बारे में बताएंगे, जिनके जाप से जीवन में आने वाले सभी दोष और बाधाएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि की पूजा से पहले कौन सी चीजें घर लेकर आनी चाहिए।

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माता श्रृंगार का सामान

कलश स्थापना और मां दुर्गा की पूजा में सोलह श्रृंगार के सामान की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए अभी से इसको घर में लाकर रख लें। माता की पूजा में सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और मां दुर्गा की कृपा से आरोग्य की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि पूजा कलश

नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से पहले कलश स्थापना की जाती है इसलिए घर में अभी से कलश लाकर रख लें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलश को ब्रह्मांड के प्रतीक के तौर पर स्थापित किया जाता है, जिसके केंद्र में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है। शास्त्रों के अनुसार, कलश के मुख में भगवान विष्णु, कंठ में रुद्र तथा मूल भाग में ब्रह्माजी निवास करते हैं।

कलश स्थापना में पल्लव-

कलश पर रखने के लिए पल्लव की जरूरत पड़ती है, जिसे पंच पल्लव के नाम से भी जाना जाता है। पल्लव में पीपल, गूलर, अशोक, आम और वट के पत्ते होते हैं, जिनको कलश पर रखा जाता है और उसके उपर नारियल रखा जाता है। अगर इनके पत्ते ना मिल आम के पत्तों का प्रयोग कर सकते हैं।

बीसा यंत्र या श्रीयंत्र-

चौत्र नवरात्रि की पूजा से पहले पूजा-पाठ के सामान में दुर्गा बीसा यंत्र या श्रीयंत्र अवश्य लेकर आएं। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर के पास दुर्गा बीसा यंत्र रखने से धन वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही यह यंत्र रक्षा कवच के तौर पर काम करता है, जो आने वाली सभी परेशानियों को दूर रखता है।

पताका/ध्वजा-

चौत्र नवरात्रि में मां दुर्गा को ध्वजा या पताका अर्पित करना बहुत उत्तम माना जाता है। पताका विजय का सूचक माना जाता है और इसे घर पर लगाने से मां दुर्गा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। अगर आप पताका को घर पर नहीं लगाना चाहते तो उसे देवी मां के मंदिर में अवश्य चढ़ाएं। वहीं अगर घर पर लगा रहे हैं तो उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थापित करें। माता को ध्वज अर्पित करने से सफलता मिलती है और हर धार्मिक अनुष्ठान सफल होता है।

घटस्थापना के लिए जौ-

नवरात्रि की पूजा में घटस्थापना पर जौ बोया जाता है, जो बहुत ही शुभ माना जाता है इसलिए अभी से घर में जौ लाकर रख लें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घट स्थापना में जौ बोने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती और यह समृद्धि, खुशहाली और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। बताया जाता है कि कलश स्थापना में बोए जाने वाले जौ भविष्य की घटनाओं के बारे में बता देते हैं।

मूर्ति या तस्वीर

नवरात्रि की पूजा से पहले घर में अभी से मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर घर ले आएं। अगर आप पीतल या अष्टधातु की देवी मां की मूर्ति घर ले आएं तो बहुत उत्तम माना जाता है लेकिन ध्यान रहे कि अगर घर में पहले से ही मूर्ति या तस्वीर है तो दूसरी मूर्ति या तस्वरी ना खरीदें। वहीं अगर टूटी फूटी मूर्ति हो तो उसे घर से निकाल दें।

बंदनवार और अखंड दीपक

नवरात्रि की पूजा में अशोक के पत्तों का बना बंदनवार और अखंड दीपक जलाने के लिए दीपक और घी की आवश्यकता पड़ती है इसलिए मां दुर्गा के पूजा के सामान में इन चीजों को भी शामिल कर लें। हिंदू धर्म में अशोक के पत्तों के बना बंदरवान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि यह घर से नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है। वहीं दीपक और घी की आवश्यकता माता की आरती और अखंड दीपक में जरूरत पड़ती है।

(Chaitra Navratri) नवरात्रि पूजा का जरूरी सामान

नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना में शंख, सिंदूर, रोली, मौली, कपूर, धूप, लाल पुष्प या पुष्पहार, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ पटरा, आसन, चौकी, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, कमलगट्टा, नैवेद्य, बताशा, मधु, शक्कर, नारियल, गंगाजल आदि की भी आवश्यकता पड़ती है इसलिए अभी से इन चीजों को घर पर लाकर रख लें।