Shanishchari Amavasya 2023 : शनि मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि शनि की स्वयं की राशि होती है। साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या 21 जनवरी को होगी। इस बार खास संयोग है कि मौनी शनिश्चरी अमावस्या पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे। इस दौरान खप्पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्टक योग व समसप्तक योग भी बनेंगे। इसलिए इस बार की शनिश्चरी अमावस्या खास होगी।
30 साल के बाद दोबारा से कुंभ राशि में गोचर करेंगे-
शनि 30 साल के बाद दोबारा से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि हैं। माँ चामुण्डा दरबाद के पुजारी गुरू पं. रामजीवन दुबे ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि करीब एक राशि में ढाई वर्षों तक रहते हैं फिर दूसरी राशि में जाते हैं। ज्योतिष में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का विशेष महत्व होता हैं। साढेसाती के प्रभाव से जातकों को कई तरह की परेशानियां आती हैं।
शनि आज कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे वैसे ही मकर, कुंभ, मीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और कर्क, वृश्चिक राशि पर ढैय्या लगेगी। धनु राशि वालों पर से साढ़ेसाती का प्रभाव खत्म हो जाएगा। मिथून, तुला राशि पर से ढैय्या शनि की दशा समाप्त होगी।
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इस अमावस्या में स्नान, दान के अलावा मौन व्रत रखने का खासा महत्व-
हिंदू धर्म में हर तिथि का एक विशेष महत्व होता है। जिसमें अमावस्या तिथि का खास महत्व है। साल की सभी 12 अमावस्या में यह एकमात्र अमावस्या है। जिसमें स्नान, दान के अलावा मौन व्रत रखने का खासा महत्व है। इस दिन मौन रहकर जप, तप, साधना, पूजा पाठ किए जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं में माघ मास की अमावस्या को दान पुण्य करने से सभी प्रकार के कष्टों और पापों से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य अनुसार 21 जनवरी दिन शनिवार को 30 साल बाद मौनी शनिचरी अमावस्या के मौके पर शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में मौजूद रहेंगे। मौनी अमावस्या तिथि का आरंभ 21 जनवरी शनिवार सुबह 6ः17 से प्रारंभ होकर 22 जनवरी तड़के 2ः22 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार मौनी शनिश्चरी अमावस्या है। इसलिए इसे 21 जनवरी को मनाई जाएगी।
(Shanishchari Amavasya )शनि शांति के उपाय-
शनि से शुभ फल की प्राप्ति के लिए शिव उपासना और हनुमत उपासना करें। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें, हनुमान चालीसा एवं शनि चालीसा का पाठ करें।
शनिवार के दिन शनि मंदिर में छाया दान अवश्य करें। गरीब, वृद्ध, असहाय लोगों को भोजन कराएं, पशु पक्षियों के लिए दाने, हरे चारे, पानी की व्यवस्था करें।
तेल का दान भी करना भी लाभकारी होगा, इससे कष्टों से छुटकारा मिलेगा। शनिवार को लोहे से बनी चीजों को दान करें, इससे शनि देव शांत होते हैं और शनि की दृष्टि निर्मल होती है।
काले कुत्ते को शनिवार के दिन सरसों के तेल से बनी रोटी खिलाएं। सूर्यास्त के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
इन गलतियों को करने से बचें, नाराज होते हैं शनि
किसी असहाय को बेवजह परेशान नहीं करें। मांस, मदिरा का सेवन बिल्कुल नही करें। कमजोर व्यक्तियों का अपमान न करें। अनैतिक कार्यों से दूर रहें।