Entertainment News : लड़की के अपहरण, संघर्ष की कहानी रितिका की इन-कार

पहली ही फिल्म के लिए रितिका को मिल चुका है नेशनल अवॉर्ड

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मुंबई । राह चलती लड़कियों का अपहरण और फिर ज्यादती, देश की एक ऐसी स्याह सच्चाई, जिससे समाज और प्रशासन को हर दूसरे दिन दो-चार होना पड़ता है। एक्ट्रेस और पूर्व मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट रितिका सिंह की नई फिल्म ‘इन-कार‘ ऐसी ही घटनाओं पर आधारित है। फिल्म का ट्रेलर आ चुका है। रितिका को हमने आर माधवन के साथ ‘साला खड़ूस‘ फिल्म में देखा है। फिल्म में उनकी बेहतरीन एक्टिंग ने खूब तारीफें बटोरी थीं।

अब इस नई फिल्म के ट्रेलर में वह एक बार फिर खुद को साबित करती हुई नजर आती हैं। ‘इन-कार‘ फिल्म की कहानी ऐसे विषय पर है, जिस पर बहुत अधकि चर्चा और उससे भी अधिक सख्ती से कार्रवाई की जरूरत है। इस फिल्म से हर्ष वारडन बतौर डायरेक्टर डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित बताई जाती है और करीब दो मिनट के ट्रेलर में ही यह आपको पलक झपकाने का मौका नहीं देती है।

रिलीज हुए ट्रेलर में क्या है

ट्रेलर में सड़क किनारे खड़ी एक लड़की साक्षी गुलाटी का कुछ बदमाश अपहरण कर लेते हैं। चार गुंडों के बीच फंसी साक्षी की शुरुआती लाचारी, चीख और चीत्कार से आगे बढ़कर यह फिल्म बलात्कार करने की धमकी देने वालों का बहादुरी से सामना करने की भी कहानी है। वो बदमाश धमकी देते हैं कि वह रेप करेंगे।

मारपीट, चोट और दर्द की लाचारी में साक्षी दर्द में कराहती हुई यहां तक कहती है कि जो करना है, जितनी बार करना है, कार में ही कर लो। लेकिन फिर कहानी पलटती है वह उन बदमाशों का सामना करती है। कांच से, छड़ से, किडनैपर्स को मारकर बचने की कोशिश करती है। ट्रेलर में सिर्फ फिल्म का प्लॉट ही नहीं, इसकी शूटिंग भी दिलचस्प लगती है, क्योंकि ऐसा लगता है कि इसका अधकितर हिस्सा चलती कार में ही शूट किया गया है।

‘देश की हर महिला ने महसूस किया है ऐसा अनुभव‘

फिल्म में रितिका सिंह के अलावा, मनीष झानजोलिया, संदीप गोयत, सुनील सोनी और ज्ञान प्रकाश भी दिख रहे हैं। ‘इन-कार‘ फिल्म के बारे में बात करते हुए रितिका सिंह कहती हैं, ‘इन कार एक ऐसा अनुभव है, जिसे इस देश की हर महिला ने कम से कम महसूस जरूर किया है।

डराने के लिए धमकियों से शोषण करना, डबल मीनिंग चुटकुले, वासना की भूख और कानून को धता बताकर अपराधयिं की मनमानी। फिल्म की कहानी यह बताती है कि कैसे कुछ पुरुष कैसे महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकते हैं। लेकिन उसी पल आप अपनी मां और बहनों के सम्मान की भी रक्षा करते हैं। यह एक मानवीय कहानी है जो सभी उम्र के दर्शकों के लिए बेहद जरूरी है।‘

पहली ही फिल्म के लिए रितिका को मिल चुका है नेशनल अवॉर्ड

रितिका सिंह मूल रूप से तेलुगू और मलयालम फिल्मों में काम करती हैं। उन्होंने हिंदी के साथ ही तमिल फिल्में भी की हैं। मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट के तौर पर रितिका ने 2009 के एशियाई इनडोर खेलों में देश का प्रतिनिधत्वि किया था। वह सुपर फाइट लीग में भी हिस्सा ले चुकी हैं। साल 2016 में रितिका ने सुधा कोंगरा प्रसाद की तमिल फिल्म ‘इरुधि सुत्रु‘ से डेब्यू किया। इस फिल्म को हिंदी में ‘साला खड़ूस‘ नाम से रिलीज किया गया। इसके लिए रितिका को स्पेशल जूरी अवॉर्ड कैटेगरी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।

‘इन कार एक लड़की के मनोवैज्ञानिक आघात की कहानी है‘

डेब्यू डायरेक्टर हर्ष वारडन कहते हैं, ‘हमने एक सच्चाई, एक हार्ड-हिटिंग और तनावपूर्ण अपहरण की कहानी चुनी है, जो एक तेज रफ्तार कार के अंदर घटती है। यह एक लड़की के मनोवैज्ञानिक आघात को दिखाती है, जो अचानक खुद को जिंदगी और मौत के बीच फंसी हुई पाती है।‘

3 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी इन कार

इन कार को साजिद कुरैशी ने प्रोड्यूसर किया है, जबकि यह इनबॉक्स पिक्चर्स के बैनर तले बनी है। इस प्रोडक्शन हाउस ने इससे पहले अभय देओल की ‘नानू की जानू‘, गोविंदा की ‘फ्रायडे‘ जैसी फिल्में दी हैं। यह फिल्म 3 मार्च 2023 को हिंदी, तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।