नई दिल्ली: फेसबुक के फाउंडर और सीईओ मार्क जकरबर्ग ने सोशल मीडिया कंपनी का नाम बदलकर ‘मेटा’ (Meta) कर दिया है। जुकरबर्ग ने गुरुवार को ऑकलैंड में आयोजित सालाना कॉन्फ्रेंस में इस बात की घोषणा की। इस मौके पर जकरबर्ग ने कहा, ‘भविष्य के वर्चुअल-रियलिटी विजन (मेटावर्स) को हासिल करने के लिए हम खुद को री-ब्रांड कर रहे हैं। अब हमारे लिए फेसबुक फर्स्ट की जगह मेटावर्स फर्स्ट होगा।’
मेटावर्स, एक शब्द जो पहले तीन दशक पहले एक डायस्टोपियन उपन्यास में गढ़ा गया था, अब सिलिकॉन वैली में चर्चा का विष बना हुआ है। असल में ये शब्द मोटे तौर पर एक साझा आभासी वातावरण के विचार को संदर्भित करता है जिसे विभिन्न उपकरणों का उपयोग करने वाले लोगों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।
जुकरबर्ग ने कहा कि गोपनीयता और सुरक्षा को मेटावर्स में बनाया जाना चाहिए। हालांकि कुछ लोग फेसबुक के इस फैसले को हाल ही में फेसबुक और यूज़र्स की गोपनीयता से जुड़े विवाद से ध्यान हटाने के लिए उठाया गया कदम मान रहे हैं। असल में व्हिसलब्लोअर और पूर्व फेसबुक कर्मचारी फ्रांसेस हौगेन ने कुछ दस्तावेजों को लीक कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि कंपनी ने यूज़र्स की सिक्योरिटी के मुकाबले मुनाफे को ज्यादा तवज्जो दी है। वहीं, जुकरबर्ग ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि दस्तावेजों का इस्तेमाल उनकी कंपनी की “झूठी छवि” बनाने के लिए किया गया है।
कंपनी के शेयरों में एक दिसंबर से FB की बजाय MVRS (मेटा प्लेटफॉर्म इंक) सिंबल से ट्रेडिंग शुरू होगी। जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा ग्रीक शब्द ‘बियॉन्ड’ से आया है। यह दुनिया में कंपनी का बेहतरीन प्रतिनिधित्व करता है। हमारी कंपनी ऐसी है जो लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है। इस बदलाव का मकसद फेसबुक को मेटावर्स कंपनी के तौर पर पेश करना है। इसके बाद फेसबुक का मुख्य सोशल ऐप नए ब्रांड नेम के अंब्रेला में मौजूद होगा।
जुकरबर्ग ने बताया कि इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप सहित कंपनी के दूसरे ऐप और सर्विस नए बेसिक स्ट्रक्चर में ही काम करेंगे। यह री-ब्रांडिंग वैसी ही होगी, जैसा गूगल ने अल्फाबेट नाम से ओरिजनल स्ट्रक्चर सेट करने के लिए किया था। हालांकि अल्फाबेट की तर्ज पर फेसबुक कॉरपोरेट री-स्ट्रक्चरिंग नहीं करेगी। कंपनी ने कहा है कि हमारी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग दो सेगमेंट- रियलिटी लैब्स और फैमिली ऑफ ऐप्स में बंट जाएगी।
फेसबुक ने इस हफ्ते कहा कि उसका हार्डवेयर डिवीजन फेसबुक रियलिटी लैब्स, जो एआर और वीआर प्रयासों के लिए जिम्मेदार है, एक अलग रिपोर्टिंग इकाई बन जाएगा और इसमें इसके निवेश से इस साल के कुल परिचालन लाभ में लगभग 10 बिलियन डॉलर की कमी आएगी।
इस साल, फेसबुक ने मेटावर्स पर केंद्रित एक उत्पाद टीम बनाई और हाल ही में इस प्रयास पर काम करने के लिए अगले पांच वर्षों में यूरोप में 10,000 कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना की घोषणा की। फेसबुक ने यह भी कहा कि वह एआर और वीआर रचनाकारों और डेवलपर्स की मदद करने के उद्देश्य से $ 150 मिलियन का शिक्षा कार्यक्रम चलाएगा।
हालांकि फेसबुक अंब्रेला कंपनी के तहत आने वाली फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के नाम नहीं बदले जाएंगे। हाल के वर्षों में गूगल (Google) ने अभी अपनी मूल कंपनी का नाम बदलकर एल्फाबेट रख लिया था।