सभी दालें प्रोटीन से भरपूर और सेहत का खजाना हैं. लेकिन इन सब में मूंग की दाल को सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है। आमतौर पर मूंग दाल को ज्यादातर लोग तभी खाते हैं, जब वे बीमार होते हैं या फिर उन्हें पेट से जुड़ी कोई समस्या होती है लेकिन मूंग की दाल किसी भी दूसरी दाल से ज्यादा पौष्टिक होती हैं। भारत में मूंग दाल या हरे चने की दाल का प्रयोग मुख्य रूप से खिचड़ी, चीला या फिर स्प्राउट्स जैसे व्यंजन तैयार करने के लिए किया जाता है। साथ ही इसमें कई चमत्कारी गुण पाए जाते हैं।

मूंग की दाल में मैग्‍नीशियम, कॉपर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन, विटामिन सी, फाइबर, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी -6, नियासिन, थायमिन और प्रोटीन होता है। वहीं इसमें इसमें विटामिन ए, बी, सी और ई की भरपूर मात्रा होती है। इसके सेवन से शरीर में कैलोरी भी बहुत नहीं बढ़ती है। अगर अंकुरित मूंग दाल खाएं तो शरीर में कुल 30 कैलोरी और 1 ग्राम फैट ही पहुंचता है। मूंग की दाल के स्‍प्राउट में शरीर के टॉक्सिक को निकालने के गुण होते हैं। इसके सेवन से शरीर में विषाक्‍त तत्‍वों में कमी आती है।

मूंग की दाल का सेवन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है जो अपना वजन तेजी से कम करना चाहते हैं। वजन को कम करने के लिए डाइट में हाई प्रोटीन को शामिल करना जरूरी होता है। ऐसे में मूंग की दाल आपके लिए काफी अच्छा डाइट हो सकता है. हाई प्रोटीन भोजन करने से भूख कम लगती है. इससे आप अपने बढ़ते वजन को काफी कंट्रोल में कर सकते हैं.

मूंग की दाल के स्‍प्राउट में ग्‍लूकोज लेवल बहुत कम होता है इस वजह से मधुमेह रोगी इसे खा सकते हैं। मूंग की दाल के स्‍प्राउट में ओलियोसाच्‍चाराइडस होता है जो पॉलीफिनॉल्‍स से आता है। ये दोनों की घटक, गंभीर रोगों से लड़ने की क्षमता को प्रबल करते हैं। कैंसर के रोगी भी इसका सेवन आराम से कर सकते हैं।मूंग की दाल में ऐसे गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं और उसे बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं। इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफलामेट्री गुण होते हैं, जो शरीर की इम्‍यूनिटी बढ़ाते हैं।