Condoms-Contraceptive pills sales During Covid-19

Condoms-Contraceptive pills sales During Covid-19: नई रिपोर्ट्स के मुताबिक 2020-2021 के दौरान भारत में कोविड-19 लॉकडाउन और प्रतिबंधों के दौरान कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों की बिक्री बढ़ी। हालांकि इस अवधि के दौरान रिपोर्ट के अनुसार गर्भनिरोधक की बिक्री में वृद्धि हुई और पुरुष और महिला नसबंदी में एक ही समय में तेजी से गिरावट आई।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा-

रिपोर्टों के अनुसार, 2021-22 में नसबंदी दर पिछले वर्ष की तुलना में 34.57 लाख से 9.35 लाख तक कम हो गई, जबकि लॉकडाउन और कोविड प्रतिबंधों के बावजूद कंडोम वितरण में सात प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल दोगुना हो गया है।

मुफ्त वितरित किए गए थे कंडोम-

हैल्थ मैनेजमेंट इन्फोर्मेंशन सिस्टम की रिपोर्ट में, वित्त वर्ष 2020-21 में, टीआई प्रोजेक्ट सेटिंग्स के अलावा, एचआईवी सुविधाओं के माध्यम से भी मुफ्त कंडोम वितरित करने का प्रयास किया गया है। पिछले साल के 40 करोड़ रुपये के बजट आवंटन की तुलना में, इस साल टीआई की संख्या में वृद्धि और एचआरजी के लिए मुफ्त कंडोम के प्रावधान को देखते हुए बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए 77 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।

कंडोम वितरण में सात प्रतिशत की वृद्धि: रिपोर्ट

स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के हवाले से सामने आया है कि, “महामारी के बावजूद, कंडोम वितरण में 2020-21 की तुलना में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।”

इन राज्यों में हुई ज्यादा खपत-

राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल कंडोम के वितरण में अग्रणी राज्य थे, इसके बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और झारखंड का स्थान है।

कोविड-19 के दौरान कंडोम डिस्ट्रीब्यूशन-

2020-21 में 31.45 करोड़ की तुलना में 2021-22 में 33.70 करोड़ यूनिट कंडोम बेचे गए। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, महामारी की शुरुआत से एक साल पहले, 2018-2019 में भारत ने 34.44 करोड़ के उच्चतम कंडोम-बिक्री के निशान को छुआ था।

गर्भनिरोधक गोलियों के रूप में लोकप्रिय सेंटक्रोमन, लगभग सभी राज्यों में कोविड-19 महामारी के दौरान पसंद की गर्भनिरोधक टैबलेट के रूप में उभरा। साथ ही कंबाइंड ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (COC) पिल्स में 2020-21 की तुलना में 8.7 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।