केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल से टैक्स घटाने के बाद राज्यों से भी वैट में कटौती करने को कहा था, ताकि पेट्रोल-डीजल के दामों में कुछ और कमी लाई जा सके। इसके बाद भाजपा शासित 16 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेश ने वैट में कटौती की, तो वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष की सरकार वाले कई राज्यों ने वैट घटाने से इंकार कर दिया है। वैट न घटाने वाले राज्यों में 12 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश शामिल है। इन राज्यों ने इसके पीछे बजट खराब होने का हवाला दिया है। सरकारी तेल कंपनियों ने जानकारी दी है कि शुक्रवार शाम तक 13 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में कोई बदलाव नहीं किया था।

इन राज्यों ने किया इंकार
वैट कम न करने वाले राज्यों में दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और अंडमान-निकोबार शामिल हैं। हालांकि शुक्रवार रात को ओडिशा ने पेट्रोल-डीजल पर वैट 3 रुपये प्रति लीटर कम कर दिया।

भाजपा का विपक्ष पर हमला 
पेट्रोल-डीजल पर वैट कम न करने पर भाजपा ने विपक्ष पर हमला बोला है। भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि यूपी किे सीएम योगी आदित्यनाथ ने पेट्रोल-डीजल पर 12 रुपए तक की कटौती की है। यह कटौती केंद्र की कटौती से अलग है। भाटिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश की तरह गुजरात और असम ने भी 7 रुपए तक कीमतें घटाई हैं। अब पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली और राजस्थान के लोग जानना चाहते हैं कि वहां की राज्य सरकारों ने इस तरह के कदम अब तक क्यों नहीं उठाए?

पहले ही टैक्स कम कर चुके : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने से पहले ही राज्य का वैट घट चुका है। केंद्र सरकार और ज्यादा एक्साइज ड्यूटी घटाएगी, तो राज्यों का वैट भी अपने आप घट जाएगा। गहलोत ने भाजपा के उस आरोप पर जवाब नहीं दिया, जिसमें कहा गया था कि राजस्थान में पेट्रोलियम पर सबसे ज्यादा वैट की वसूली हो रही है।