चंड़ीगढ़। दो राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ में नगर निगम के महापौर को लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा में घमासान मच गया है। भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों के चुनाव प्रभारी और सहप्रभारी में जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा के पंजाब चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि पार्षदों के फोन टैपिंग और उनके घर कैमरे से निगरानी करने से साफ है कि आप को अंदरुनी कलह से खतरा है।
शेखावत ने का यह बयान आप के पंजाब सहप्रभारी राघव चड्ढा के उनके पार्षदों को खरीदने के लिए 50 से 75 लाख देने के ऑफर के जवाब में दिया। तो वहीं चड्ढा ने शेखावत पर पार्षदों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था। इसी विवाद के बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी गुरुवार को चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। अब देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है।
महापौर पद के लिए जोड़-तोड़ जारी
पंजाब और हरियाणा प्रदेशों की राजधानी चंडीगढ़ में नगर निगम के 35 वार्डों के चुनाव हुए हैं जिसमें किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। लेकिन पहली बार चुनाव लड़ी आप 14 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। काफी शक्ति प्रदर्शन के बाद भाजपा को 12 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस 8 पर ही सिमटकर रह गई।
चंडीगढ़ निगम में महापौर पद हासिल करने के लिए 19 सीटों की जरूरत है। यहां आप सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण मेयर बनाने का स्वभाविक दावा कर रही है। वहीं भाजपा कह रही कि उनके पास 12 पार्षद और एक सांसद समेत 13 वोट हैं इसलिए महापौर उनकी पार्टी का बनना चाहिए। यही कारण है कि भाजपा और आप में बहुमत जुटाने के लिए सामदाम दंड भेद का जोड़तोड़ चल रहा है।