मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा से शिवसेना के दूर छिटकने प्रदेश की सत्ता हाथ से जाने के बाद से भाजपा में बहुत बैचेनी है खासकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खासे परेशान हैं। सत्ता वापसी के लिए वे महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार सक्रिय बने हुए हैं। इसके लिए भाजपा अब नए सिरे से गठबंधन की तलाश में जुट गई है और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई व महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को साधने में लगी है।
राज ठाकरे के बंगले पहुचे फडणवीस
इसी अभियान की सफलता के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस पिछले दिनों अपनी पत्नी अमृता फडणवीस के साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के नए बंगले शिवतीर्थ पर पहुंचे । इस दौरान फडणवीस और ठाकरे परिवार तकरीबन दो घंटे तक साथ रहे। हालांकि, मुलाकात को पर्सनल बताया गया है, लेकिन आगामी बीएमसी चुनाव और अन्य चुनावों में दोनों दलों के गठबंधन की खबरों के कयास लगाए जाने लगे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की भी राज ठाकरे से हो चुकी है बातचीत
इसके पहले राज ठाकरे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल की मुलाकात के बाद से मनसे-भाजपा गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि, तब कुछ मुद्दों पर असहमति के कारण गठबंधन की बातचीत को टाल दिया गया। नवंबर में राज ठाकरे दिवाली के रोज अपने नए घर में शिफ्ट हो गए।आपको बता दें कि कृष्णाकुंज के पास राज ठाकरे ने नया घर बनवाया है।
2019 से गठबंधन का विकल्प तलाश रही भाजपा
महाराष्ट्र में सत्ता पर शिवसेना पर कब्जा करने और भाजपा द्वारा कब्जा बरकरार रखने की होड़ में 2019 में शिवसेना और भाजपा का 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया था। 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा चाहती थी कि मुंख्यमंत्री उसकी पार्टी का बने जबकि शिवसेना का कहना था कि जब विधानसभा में उसकी पार्टी की सीटे ज्यादा हैं तो फिर मुख्यमंत्री उसी की पार्टी का होना चाहिए।
इसी बात पर बात बिगड़ गई और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने राकापा के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद का लालच देकर अपनी तरफ करके सीएम की शपथ ही ले डाली। जिससे आहत शिवसेना ने भाजपा से अपना 30 साल पुराना नाता तोड़कर राकापा से जोड़ लिया। अब शिवसेना राकापा की सरकार महाराष्ट्र में चल रही है ओर देवेंद्र फडणवीस विपक्ष में बैठे हैं।
राज ने उद्धव की ताजपोशी से नाराज हो छोड़ी थी शिवसेना
राज ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख पद पर उद्धव ठाकरे की ताजपोशी से नाराज होकर अपनी अलग राह तलाशी थी। तभी से उनकी मनसे को सत्ता में भागीदारी नहीं मिल पा रही है। अब राज भी महाराष्ट्र में अपनी ताकत और बढ़ाने के लिए भाजपा से नजदीकी चाहते हैं। वहीं शिवसेना के भाजपा को छोड़ने के बाद भाजपा नए सहयोगियों के साथ गठबंधन के विकल्प को तलाश रही है। ऐसे में फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाकात एक बार फिर से गठबंधन की हवा को जोर दे सकती है।
हिंदुत्ववादी है दोनो पार्टियों की विचारधारा
इस गठबंधन का पहला प्रयोग मुंबई नगर निगम चुनाव में किया जा सकता है। बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो हिंदुत्व की विचारधारा में विश्वास करती है। मनसे का मूल मन्त्र भी यही है। राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है, इसलिए भविष्य में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।