रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसानों की समस्याओं से पीएम मोदी को अवगत कराने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है। इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर तिथि और समय निर्धारित करने का अनुरेाध किया है।
मुख्य सचिव जैन ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि भारत सरकार की विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना के तहत छत्तीसगढ़ प्रदेश में खाद्य विभाग भारत सरकार के साथ हुए एमओयू अंतर्गत खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जाती है। वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में खाद्य विभाग भारत सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश में केन्द्रीय पूल अंतर्गत शतप्रतिशत अरवा चावल (61.65 लाख मीट्रिक टन) उपार्जन किए जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है, जबकि विगत वर्षों में राज्य से उसना चावल भी लिया जाता रहा है।
उन्होंने लिखा है कि खाद्य मंत्रालय भारत सरकार के उक्त निर्देश से राज्य में स्थापित 416 उसना मिलों के संचालन एवं उनमें कार्यरत मजदूरों के जीवन यापन में कठिनाई होगी। इसके साथ ही राज्य के कृषकों द्वारा उत्पादित ऐसा धान जिससे केवल उसना चावल बन सकता है, के निराकरण में भी कठिनाई सम्भावित है।
मुख्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि धान उपार्जन के लिए जूट कमिश्नर से बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति भी समय से नहीं हो पा रही है। उपरोक्त परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद के सदस्य प्रधानमंत्री से भेंट कर धान उपार्जन से संबंधित विषयों पर चर्चा एवं अनुरोध करना चाहते हैं।