मुंबई। मुंबई के शिवाजी मैदान में 28 दिसंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए बृहन्मुंबई महानगर पालिक (बीएमसी) ने इस रैली को मंजूरी नहीं दी है। बीएमसी के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट का का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में रैली का आयोजन शिवाजी पार्क में करने की अनुमति मांगी गई है।
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप की ओर से दायर इस याचिका में राज्य सरकार, मुंबई पुलिस कमिश्नर, बीएमसी, बीएमसी कमिश्नर को पार्टी बनाया गया है। हालांकि, बीएमसी का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद से शिवाजी पार्क में सभी राजनीतिक सभा और रैली करने पर रोक है। यहां सिर्फ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हो सकता है। वह भी साल मे सिर्फ 3-4 दिन ही।
यह मामला इसलिए भी तूल पकड़ता दिख रहा है कि बीएमसी में शिवसेना की सत्ता है और महाराष्ट्र में महाआघाड़ी गठबंधन की सरकार है। इसमें शिवसेना और राकांपा के अलावा कांग्रेस भी शामिल है।
इसके बाद भी मुंबई में राहुल की रैली को लेकर रुकावटें आ रही हैं। ऐसे में अपनी सहयोगी पार्टी के खिलाफ अदालत जाने का कांग्रेस का यह फैसला दोनों दलों के बीच फिर से टकराव खड़ा कर सकता है। अदालत ने यह याचिका स्वीकार कर ली है और बॉम्बे हाई कोर्ट में कल इस मामले की सुनवाई होने की उम्मीद है।
उधर महाराष्ट्र राज्य के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा है,धारा 144 का फैसला मुंबई पुलिस कमिश्नर का था। हमने अभी तक राहुल गांधी की 28 दिसंबर को होने वाली मुंबई की रैली के लिए इजाजत लेने की कोई पहल नहीं की है ना ही कोई फैसला किया है।