नई दिल्ली । पिछले करीब एक साल से जारी किसान आंदोलन अब खत्म हो चुका है। बुधवार को महीनों बाद गाजीपुर बॉर्डर एरिया को किसान प्रदर्शनकारियों ने खाली कर दिया। केंद्र सरकार और आंदोलनकारियों के बीच कृषि कानून और अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद ये मुमकिन हो पाया। किसान अब अपने घरों को लौट रहे हैं। बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में सभी किसानों ने आंदोलन वाली जगह छोड़ दी।

घर वापसी के मौके पर किसान आंदोलनकारी बेहद खुश नजर आए। खुद प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत जीत का जश्न मनाते हुए बॉर्डर से मोदीनगर, मेरठ, दौराला टोल प्लाजा, मंसूरपुर होते हुए सौरम और अपने गांव सिसौली की रवाना हुए। इस आंदोलन के बाद राकेश टिकैत की छवि बड़े किसान नेता के तौर पर चमकी, टिकैत करीब 383 दिनों बाद घर लौटेंगे।

हवन हुआ और दिया धन्यवाद
गाजीपुर बॉर्डर खाली करने से पहले किसानों ने सुबह हवन किया और सभी को धन्यवाद देते हुए बॉर्डर खाली कर दिया। भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बॉर्डर खाली करने के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मैं सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। दिल्ली की सीमाओं पर जिन लोगों ने लंगर चलाया, उनको भी धन्यवाद देना चाहता हूं। अंत में टिकैत ने कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है सिर्फ स्थगित हुआ है।

ट्रैक्टरों पर चढ़कर किया डांस
गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न के नजारे देखने को मिले। बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं खुशी में थिरकते हुए भी नजर आए। नौजवान ट्रैक्टरों पर गाने बजाकर इस पर चढ़ गए और अपनी खुशी का इजहार किया। दूसरी तरफ टिकैत के गांव सिसौली को दुल्हन की तरह सजाया गया है। यहां हजारों लोगों के लिए लंगर का बंदोबस्त भी किया गया।

आम आदमी को भी राहत
किसानों के प्रदर्शन की वजह से गाजीपुर बॉर्डर पर सड़क पर ट्रैफिक बुरी तरह से प्रभावित रहा। कई बार लंबे जाम की तस्वीरें भी देखने को मिलीं। अब प्रदर्शनकारियों के हटते ही नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के कर्मचारी एक्सप्रेस वे पर सफाई , बिजली के तारों की मरम्मत में लगे हुए हैं ताकि आम नागरिकों के लिए जल्द तमाम मार्गों को खोला जा सके।