Land for Jobs case : लालू परिवार को मिली राहत, राबड़ी देवी, बेटी मीसा सहित पूर्व सीएम को मिली जमानत

5 महीने पहले सीबीआई ने जारी की थी चार्जशीट

Land for Jobs case
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पटना। रेलवे में लैंड फॉर जॉब्स यानी जमीन के बदले नौकरी देने के कथित भ्रष्टाचार के केस में लालू परिवार को बड़ी राहत मिली है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को जमानत मिल गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर तीनों को जमानत दी है। इस मामले में अब 29 मार्च को अगली सुनवाई होगी।

14 आरोपियों के खिलाफ हुआ था समन जारी

लालू को व्हीलचेयर पर लेकर पत्नी राबड़ी देवी और बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती कोर्ट के अंदर पहुंचीं थीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। कोर्ट ने 27 फरवरी को लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 14 अन्य आरोपियों को समन जारी किया था।

5 महीने पहले सीबीआई ने जारी की थी चार्जशीट

समन जारी होने से पहले सीबीआई लालू से दिल्ली में और राबड़ी से पटना में पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई की ओर से 5 महीने पहले इस केस में चार्जशीट दाखिल की गई थी। साल 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर रेलवे में नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने का आरोप है। लालू परिवार को ये जमीन उपहार में दी गई या कम कीमत पर बेच दी गई। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे की ग्रुप-डी भर्ती में नियम-कानून ताक पर रखकर नियुक्तियां की गईं थीं।

चार्जशीट में रेलवे के कई अधिकारियों के नाम, जमीन के डॉक्यूमेंट भी गलत

स्पेशल कोर्ट में दायर चार्जशीट में सीबीआई ने बताया, ‘जांच में सेंट्रल रेलवे के कई अधिकारियों का भी नाम सामने आया है। इसमें जीएम और सीपीओ स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। इन लोगों ने जॉब के बदले फर्जी तरीके से अपने करीबियों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवाई है। रजिस्ट्री भी सर्कल रेट से कम कीमत में कराई गई और जमीन औने-पौने दाम में अधिकारियों के नाम कर दी गई।

कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट भी सही नही

चार्जशीट के मुताबिक जमीन के बदले नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट भी सही नहीं पाए गए हैं। उनके कई कागजात फर्जी हैं। यहां तक कि डॉक्यूमेंट में शामिल उनके टीसी भी गलत तरीके से सर्टिफाइड कराए गए हैं। रेलवे में इसी गलत सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी दे दी गई है।