नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की नीव रखी। यह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से मेरठ को मिलाने वाला एक्सप्रेस-वे होगा। उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री सबसे अधिक उत्तर प्रदेश पर फोकस कर रहे हैं। इस कड़ी में वह पिछले एक महीने में दर्जन भर से अधिक परियोजनाओ का शिलांन्यास कर चुके हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि मोदी इस परियोजना के जरिए चीन के खिलाफ एक रणनीतिक बढ़त भी बनाने जा रहे हैं। इस एक्सप्रेस-वे के द्वारा वायुसेना की भी चीन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त हासिल करने पर नजर हैं। 594 किलोमीटर लंबां यह एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा। इससे पश्चिमी और पूर्वी उत्तरप्रदेश की दिल्ली एनसीआर से कनेक्टिविटी का रास्ता भी साफ होगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश में ही नवंबर में ही देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया गया था।
पूवी और पश्चिमी उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले इस गंगा एक्सप्रेस-वे के दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने का अनुमान लगाया गया है। इसके बनने के बाद सबसे लंबे एक्सयह प्रेस-वे के मामले में यह छठे नंबर पर होगा, क्योंकि देश में इस समय गंगा एक्सप्रेस-वे से लंबे पांच एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो रहे हैं।
गंगा स्क्सप्रेस-वे का महत्व
गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण एक्सप्रेस वे होगा। क्योंकि यह प्रर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तरप्रदेश से जोड़ेगा जिससे उत्तर और पूर्वी क्षेत्र के बीच बेहतर कनेक्शन होग। यातयात में तो सुविधा होगी ही परिवहन सुविधाओं का भी विस्तार होगा जिससे प्रदेश में विकास की संभावनाए बढ़ेगी। यह एक मात्र एक्सप्रेस वे होगा जा एक ही प्रदेश के अंदर इतना लंबा होगा।
कैसे बनी गंगा एक्सप्रेस-वे की परियोजना
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना पर काम 2017 में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद ही शुरू हुआ। यह परियोजना 29 जनवरी 2019 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ायी और फरवरी 2020 में मेरठ से प्रयागराज को तक 594 किलोमीटर लंबे पहले चरण के निर्माण को 2024 तक पूर करने का लक्ष्य रखा गया। नवंबर 2021 में पर्यावरण मंत्रालय से क्लियरेंस मिला, उसी महीने उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 36200 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी। 18 दिसंबर शनिवार को पीएम ने शिलांन्यास किया।
12 जिलों के 500 गांव को जोड़ेगा
उत्तर प्रदेश के 12 जिलों- मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज, से होकर गुजरेगा। इन 12 जिलों के 500 से अधिक गांवों को भी जोड़ेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ जिले के बिजौली गांव के पास से शुरू होगा और प्रयागराज जिले के जुदापर डांडू गांव के पास खत्म होगा।
36,230 करोड़ रुपये आयेगी निर्माण लागत
इसकी अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये है, जिसमें से जमीन अधिग्रहण पर करीब 9500 करोड़ रुपये का खर्च भी शामिल है। इसमें सात ओवरब्रिज, 17 इंटरचेंज रोड, 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 28 फ्लाईओवर, 50 वाहन अंडरपास और 946 पुलिया होंगी। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए आवश्यक 7386 हेक्टेयर भूमि में से 83 हजार किसानों से करीब 94 फीसदी जमीन खरीदी जा चुकी है।
यात्रा में लगने वाले समय की होगी बचत
इसके बनने के बाद दिल्ली से प्रयागराज के बीच यात्रा में लगने वाला 10-11 घंटे का समय कम होकर 6-7 घंटे रह जाएगा। इसे भविष्य में 8 लेन का किए जाने और ग्रेटर नोएडा से बलिया तक 1047 किमी लंबा किए जाने की योजना है।
अडानी इंटरप्राइजेज और IRB इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपर्स करेगा निर्माण
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और IRB इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपर्स करेंगे। हाल ही में एक बिडिंग प्रक्रिया के जरिए इन दोनों कंपनियों का चयन हुआ है।