Strike of electricity workers : एजेंसियों को नोटिस जारी, चरमराई बिजली व्यवस्था, कई क्षेत्रों में बिजली गुल

हाईकोर्ट सख्त, 20 को करेगा सुनवाई

Strike of electricity workers
Strike of electricity workers

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में विभिन्न निगमों में आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए और संविदा पर कार्यरत करीब 650 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इनमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 242, मध्यांचल के 110, पश्चिमांचल में 60 और दक्षिणांचल के 38 कर्मचारी भी शामिल हैं।

हड़ताल से बिजली आपूर्ति पर असर

वहीं उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व मेरठ समेत कई शहरों में हड़ताल के पहले दिन ही जबरदस्त संकट पैदा हो गया। गोरखपुर और कानपुर में फैक्टरियों में औद्योगिक उत्पादन ठप हो गया। राजधानी लखनऊ का करीब एक-चौथाई हिस्सा बिजली संकट की चपेट में रहा।

इसके अलावा एजेंसियों को नोटिस भी जारी की गई है। कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने बताया कि गाजीपुर में बिजली आपूर्ति के लिए काम कर रही फर्म भारत इंटरप्राइजेज को अपने कर्मचारियों को उपस्थित न करा पाने के कारण फर्म के महाप्रबंधक एवं सुपरवाइजर राहुल सिंह के विरुद्ध कोतवाली गाजीपुर में एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

इसके अलावा छह अन्य एजेंसियों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। देवराज ने कहा कि भविष्य में इन एजेंसियों को निगम में कार्य करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि काम न करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई जाए।

योगी बोले – अराजकता फैलाने वाले बिजलीकर्मी होंगे सूचीबद्ध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अराजकता फैलाने वाले बिजली कर्मी सूचीबद्ध किए जाएंगे। बिजली फीडर बंद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरकार प्रतिवर्ष 20 हजार करोड़ रुपये पावर कॉर्पोरेशन को उसका घाटा पूरा करने के लिए देती है।

ऊर्जा मंत्री ने चेताया, लाइन में फॉल्ट किया तो आकाश-पाताल से खोज निकालेंगे

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताली कर्मचारियों को चेताया है कि लाइन में फॉल्ट करने वालों को आकाश-पाताल से खोज निकालकर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आपूर्ति को पूरे नियंत्रण में बताते हुए दावा किया है कि प्रदेश में चार हजार मेगावाट सरप्लस बिजली है।

प्रदेश में कुल 1850 मेगावाट उत्पादन प्रभावित

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे का दावा है कि हड़ताल के चलते उत्पादन निगम की 1030 मेगावाट क्षमता की 5 इकाइयां ठप हो गई हैं। प्रदेश में कुल 1850 मेगावाट उत्पादन प्रभावित हुआ है। समिति ने बिजलीकर्मियों पर तोड़फोड़ के आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि बिजली कर्मी विद्युत संयंत्रों को अपनी मां की तरह मानते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल कर रहे हैं। समिति पदाधिकारियों का कहना है कि पारेषण की कई लाईनें बंद हैं और बड़े पैमाने पर 33/11 केवी उपकेंद्रों से आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन को हड़ताल के लिए उत्तरदाई ठहराते हुए कहा है कि बिजलीकर्मी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। समिति का दावा है कि 16 मार्च की रात 10 बजे हड़ताल शुरू होने के बाद उत्पादन गृहों, एसएलडीसी और पारेषण विद्युत उपकेंद्रों की रात्रि पाली में कार्य करने के लिए एक भी बिजलीकर्मी ड्यूटी पर नहीं गया। हड़ताल शत-प्रतिशत सफल रही है।

हाईकोर्ट सख्त, 20 को करेगा सुनवाई

बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर्मचारी नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ को वारंट तामील कराने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कर्मचारी नेताओं को 20 मार्च को तलब किया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि यह हड़ताल हाईकोर्ट के उस पुराने आदेश के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए।

अभूतपूर्व संकट

लखनऊ में हड़ताल में संविदा कर्मियों के शामिल होने से संकट और बढ़ गया है। हड़ताल के पहले दिन राजधानी का एक-चौथाई इलाका बिजली संकट की चपेट में रहा। बिल जमा होने का काम भी ठप हो गया। वाराणसी में बिजली आपूर्ति चरमराने से पेयजल संकट पैदा हो गया। गोरखपुर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। बृहस्पतिवार रात 12 बजे से संकट बढ़ना शुरू हुआ।

शुक्रवार की सुबह तक अधिकतर स्थानों के 33केवी और 11केवी के फीडर बंद हो गए। बरेली के 5 उपकेंद्रों में दिक्कत आई, जिससे 40 हजार से अधिक परिवार प्रभावित हुए। पीलीभीत में 40 गांवों की बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा। बदायूं में फॉल्ट ठीक करवाने और आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए बाहर से लोगों को बुलाना पड़ा है। बुंदेलखंड, रूहेलखंड, अवध और पूर्वांचल के बड़े हिस्सों में भी हड़ताल के कारण व्यापक बिजली संकट दिखा।