नई दिल्ली. फास्ट टैग शुरू होने के बाद देश में टोल कलेक्शन पहले के मुकाबले बढ़ा है. राज्य सभा में पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2016-17 में फास्ट टैग की शुरूआत के बाद से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण – एनएचएआई के टोल प्लाजा पर किस तरह से कलेक्शन पहले से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2016-17 में ( जिस वर्ष फास्ट टैग की शुरूआत हुई थी) 17,942.14 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था, जो अगले वर्ष 2017-18 में बढ़कर 21,948.13 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इसमें साल दर साल बढ़ोतरी दर्ज होती रही। 2018-19 में 24,396.20 करोड़ रुपये और 2019-2020 में 26,850.71 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण – एनएचएआई के टोल प्लाजा पर 2020-21 में सबसे ज्यादा 27,744.15 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने लिखित जवाब में राज्य सभा को बताया कि टोल प्लाजा पर यह शुल्क लेने के लिए बोली के आधार पर एजेंसी का चयन किया जाता है और अनुबंध के तहत एजेंसी द्वारा दी गई राशि को भारत की संचित निधि में जमा कर दिया जाता है।