नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बुधवार सुबह अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक और न्यूनतम 14.6 डिग्री सेल्सियस है। सुबह 8.30 बजे सापेक्षिक आद्र्रता 86 फीसदी दर्ज की गई।

आईएमडी ने बताया की शेष छह दिनों में मुख्य रूप से साफ आसमान के साथ सामान्य तापमान रहेगा। हालांकि, दिल्ली सहित उत्तर भारत में तापमान 1 या 2 नवंबर तक गिरकर 12-13 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

मंगलवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस रहा।

इस बीच, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक, जो मंगलवार तक 72 यानी ‘संतोषजनक’ श्रेणी में दर्ज किया गया था, ये बिगड़कर 126 यानि ‘मध्यम’ स्तर पर पहुंच गया है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च के आंकड़ों से यह पता चला है।

राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता में सुधार के पीछे रविवार को अच्छी बारिश का कारण था, जिसकी हवा की गुणवत्ता पिछले कुछ वर्षों से सर्दियों के मौसम की शुरूआत के साथ खराब होने लगी थी। सफदरजंग वेधशाला के अनुसार, दिल्ली में 1933 के बाद से दूसरी सबसे अधिक वार्षिक वर्षा हुई है।

हवा में पीएम 10 और पीएम 2.5 प्रदूषकों का स्तर क्रमश: 139 और 66 है। दोनों ‘मध्यम’ श्रेणी में आते हैं।

गौरतलब है कि मानसून की विदाई के साथ ही उत्तर भारत में मौसम बदलने लगा है ।इसके अलावा पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई है, जिसका असर मैदानी इलाकों में बखूबी देखा जा रहा है। नतीजन, ठंड ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। इस बीच दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्वी मानसून आहट देने लगी है।

मौसम विभाग के मुताबिक 30 अक्टूबर तक तमिलनाडु, पुड्डुचेरी और केरल में सामान्य से भारी बारिश की संभावना है। दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में 29 और 30 अक्टूबर को जबकि तटीय आंध्र प्रदेश में 28 से 30 अक्टूबर के बीच भारी बारिश के आसार हैं।

मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि इस साल मानसून ने 46 साल में सातवीं बार सबसे देरी से वापसी है। हालांकि दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती दबाव विकसित हो रहा है जिससे एकबार फिर मौसम के बेपटरी होने की आशंका है।