पति-पत्नी प्रेम से रहें या लड़ाई-झगड़े
पति-पत्नी प्रेम से रहें या लड़ाई-झगड़े

saransh times : लोगों की उम्र बढ़ने के साथ उच्च रक्त शर्करा जैसे रोग अधिक आम हो जाते हैं, लेकिन नए शोध से पता चलता है कि साथ रहने वाले जोड़ों में मधुमेह (diabetes) का स्तर कम रहता है। वे नियमित रूप से अतिरिक्त चीनी से परेशान नहीं होते हैं। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (British Medical Journal states) में छपी रिपोर्ट में कहा गया है, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पति-पत्नी का रिश्ता अच्छा है या बुरा, उनके साथ रहने से ब्लड शुगर लेवल कम होने की संभावना बढ़ जाती है.”

मधुमेह टाइप 2 जोखिम होता है

जबकि तलाक या अन्य कारणों से अलग होने पर रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि का उच्च जोखिम होता है, कभी-कभी मधुमेह टाइप 2 उन लोगों में विकसित होता है जो अकेले रहते हैं। इस शोध की शोधकर्ता कार्लेटन यूनिवर्सिटी, ओटावा की कैथरीन फोर्ड कहती हैं, “इंग्लैंड में 50 से 89 साल की उम्र के 3,335 लोगों पर किए गए शोध में एक साथ रहने से मधुमेह में सकारात्मक अंतर सामने आया, लेकिन इसका स्पष्ट कारण पता नहीं चला.”

अध्ययनों से पता चलता है कि साथ रहने से न केवल मधुमेह कम होता है बल्कि रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। अकेले रहने वाले लोगों में मधुमेह और बीपी दोनों का उच्च स्तर होता है। साथ रहने वाले जोड़ों को भी दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम होती है। शोध से यह भी पता चला है कि विवाहित पुरुषों की औसत आयु अकेले रहने वाले पुरुषों की तुलना में लगभग 10 वर्ष अधिक होती है।

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के शोधकर्ता क्रिस एम. विल्सन अपने शोध में कहते हैं, “शादी शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है?” विवाह महिलाओं की तुलना में पुरुषों को मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक लाभ पहुंचाता है। इससे पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

अमेरिका के एशर सेंटर फॉर द स्टडी एंड ट्रीटमेंट ऑफ डिप्रेसिव डिसऑर्डर के डॉ. शीहान डी. फिशर कहते हैं, “एक साथ रहने वाले कपल्स में चिंता इतनी ज्यादा नहीं होती कि वे डिप्रेशन में चले जाएं, लेकिन अगर करते भी हैं, तो अकेले ही वे उससे ज्यादा तेजी से ठीक हो जाते हैं।” रहने वालों।” वे कहते हैं कि एक बड़ी सर्जरी के बाद होने वाले दर्द से भी दंपति जल्दी ठीक हो जाते हैं।

कई अन्य अध्ययनों से भी पता चला है कि अगर पति-पत्नी के बीच संबंध बेहतर होते हैं तो इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है। उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वे अकेले रहने वाले लोगों की तुलना में कम बार बीमार पड़ते हैं।

साथ रहने से दोनों का स्वभाव और व्यवहार भी बदल जाता है।

ऑस्ट्रेलिया की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के जेफ्री लेगाट का कहना है कि साथ रहने से न केवल लोग शारीरिक या मानसिक रूप से बदलते हैं बल्कि उनके व्यवहार में भी बदलाव आता है। सामाजिक परिवर्तन भी होते हैं। बोलचाल की भाषा में भी वे शब्द शामिल हैं; पार्टनर द्वारा इनका अधिक उपयोग किया जाता है। यह केवल नए शब्द नहीं हैं जो बोली जाने वाली भाषा का हिस्सा बनते हैं। उन शब्दों के उच्चारण का तरीका भी बदलने लगता है।