भोपाल। 70 साल बाद भारत की धरती फिर से चीतों से आबाद हो रही है। चार माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में छोड़ गया था। आज शनिवार को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर एक बार फिर 12 चीते देश आए हैं। इस बार दक्षिण अफ्रीका से 7 नर और पांच मादा चीते भारत लाए गए हैँ। इन चीतों को आज दोपहर कूनो नेशनल पार्क में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर क्वारेंटाईन बाड़े में छोड़ा।
कूनों में चीतों की संख्या पहुंची बीस, अभी और आएंगे-
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों को कूनो के क्वारेंटाइन बाड़े में जैसे ही छोड़ा, प्रदेश और देश की धरती पर चीतों की संख्या बीस हो गई। केंद्रीय वन मंत्री यादव के अनुसार आने वाले वर्षों में चीतों से भारत को आबाद करने के लिए हर साल कुछ चीते दक्षिण अफ्रीकी देशों से भारत लाए जाएंगे।
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सुबह दस बजे ग्वालियर पहुंचे चीते-
बीती देर शाम भारतीय वायुसेना के बड़े मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से 12 चीतों को केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी लेकर ग्वालियर के लिए रवाना हुए थे। आज सुबह 10 बजे ग्लोबमास्टर विमान ग्वालियर हवाई अड्डे पर पहुंचा। यहां से वायुसेना के चार चिनूक हेलीकॉप्टर से सभी 12 चीतों के बाड़ों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया। कूनो में इन्हें 9 क्वारेंटीन बाड़ों में छोड़ा गया है। ये चीते एक महीने इन्हीं बाड़ों में रहेंगे, क्योंकि ये 7 महीने से अफ्रीका में क्वारेंटीन थे।
शिवराज ने मोदी को दिया धन्यवाद-
शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- कूनो नेशनल पार्क में आज चीतों की संख्या बढ़ गई है। मैं प्रधानमंत्री मोदी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं, यह उनका विजन है। कूनो में 12 चीतों का पुनर्वास किया जाएगा और इनकी संख्या बढ़कर 20 हो गई है। पहले आए चीते पूरी तरह स्वस्थ हैं। चीतों का पुनर्वास पर्यटन और रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
सभी चीते स्वस्थ हैं-
चीतों के साथ दक्षिण अफ्रीका और दिल्ली से वन्य जीव विशेषज्ञों व डॉक्टरों का भी एक दल आया। विशेषज्ञों ने सबसे पहले सभी चीतों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया। सभी चीते इस वक्त स्वस्थ बताए जा रहे हैं।