MP NEWS : मध्यप्रदेश में भूजल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है। इसके बावजूद भी लोग नलकूप खनन में लगे हुए है। कलेक्टर द्वारा प्रतिबंध के बावजूद चोरी-छिपे नलकूप खनन किया जाता है। इस पर रोक लगाने अब राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए दो साल के कारावास से लेकर दस हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान कर दिया है।

पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 में संशोधन

इसके लिए मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 में संशोधन कर दिया गया है। अभी तक इस नियम के तहत केवल कारावास की सजा का प्रावधान था। मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम की धारा नौ में परिवर्तन किया गया है। अब प्रतिबंध के बादभी शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में नलकूप खनन किया गया तो पहली बार के अपराध पर पांच हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा।

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नलकूप खनन को रोकने नियमों में बदलाव

यदि दोबारा यही अपराध किया तो दस हजार रुपए जुर्माना या दो वर्ष तक के कारावास की सजा दी जा सकेगी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला का कहना है कि भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। ऐसे में नलकूप खनन को रोकने नियमों में बदलाव किया गया है।