भोपाल। बीस दिन पहले गांधी नगर की नई बस्ती से अगवा की गई 14 साल की किशोरी को क्राइम ब्रांच ने बीती रात होशंगाबाद के जमुनिया गांव से दस्तेयाब कर लिया है। बच्ची उसी युवक के साथ मिली है, जिस पर लड़की के परिजन अपहरण के बाद से ही संदेह जाहिर कर रहे थे। परिजन इस मामले में नामजद एफआईआर चाहते थे, जबकि पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
पुलिस पर यह लगे थे आरोप-
इस मामले में थाने की एक महिला एसआई और स्टॉफ पर आरोपी के परिजनों के साथ पीड़िता के घर पहुंचकर मां पिता पर राजीनामा करने का दबाव बनाने के आरोप लगे थे। इस मामले को लेकर एक ऑडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसमें मामा नाम का व्यक्ति लड़की के पिता पर इस बात का दबाव बनाता सुनाई देता है कि किशोरी वापस करा देंगे।
थाना प्रभारी के सामने पेश होकर लड़के खिलाफ कार्रवाई न कराने की गारंटी लो। मेरी टीआई और मैडल से बात हो गई है। वहीं इस मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर तक पहुंची तो उन्होंने थाना प्रभारी और विवेचक एसआई को जमकर फटकार लगाई। क्राइम ब्रांच को लड़की को दस्तेयाब करने के आदेश दिए। पास्को एक्ट के इस मामले में गंभीर लापरवाही के बाद थाना प्रभारी अरुण शर्मा और एसआई प्रभावति शर्मा पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।
यह है मामला-
गांधी नगर नई बस्ती के सेक्टर नंबर तीन में 14 साल की किशोरी परिवार के साथ रहती है। बीती 20 जनवरी को वह घर से बिन बताए लापता हो गई। उसकी मां ने बताया कि पिछले महीने 19 तारीख को बेटी से मोहल्ले में रहने वाले नरेंद्र शर्मा नाम के युवक ने अश्लील हरकतें की थीं। इसकी शिकायत थाना गांधी नगर में दर्ज कराई गई। पुलिस ने छेड़खानी और पास्को एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया था। आरोपी को तलाश करने के बाद में पुलिस को सूचना दी। पुलिस उसे थाने भी ले गई थी, हालांकि कुछ घंटे थाने में रखने के बाद में आरोपी को बिना गिरफ्तारी के छोड़ दिया गया। अगले ही दिन उनकी बेटी रहस्मय हालातों में लापता हो गई।
नरेंद्र लगातार उस पर राजीनामा करने का दबाव बना रहा था। लिहाजा उन्होंने मामले में नरेंद्र के खिलाफ अपहरण की नामजद शिकायत की। पुलिस ने तमाम मिन्नतों के बाद भी अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की। बाद मेें लड़के के परिजनों ने राजीनामा का दबाव बनाया, पुलिस ने उनका ही साथ दिया। यहां तक की थाने की मैडम राजीनामा का दबाव बनाने घर तक आई। उनके सामने ही लड़की को राजीनामा करने के बाद लौटाने की बात कही जा रही थी। थाना प्रभारी से भी लगातार शिकायतें की जा रही थीं। वह कोई संज्ञान नहीं लेते थे।
इनका कहना है-
परिजनों के आरोप निराधार हैं। लड़की पहले भी घर से भाग गई थी, किसी तरह से पुलिस ने उसे दस्तेयाब किया। लड़की ने थाने में धमकी दी थी की एफआईआर की तो फांसी लगा लूंगी। किशोरी के परिजन प्रकरण दर्ज कराने को तैयार नहीं थे। मेरे कहने पर एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि उस समय आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी थी। अगले दिन लड़की फिर लापता हुई। नाबालिग होने के कारण अज्ञात के खिलाफ बहला फुसलाकर अगवा करने का प्रकरण दर्ज किया था।
अरुण शर्मा, थाना प्रभारी गांधी नगर