जेल मैनुअल
जेल मैनुअल

भोपाल। राज्य सरकार आधा सैकड़ा से अधिक पुराना प्रदेश का जेल मैनुअल (निर्देश पुस्तिका) में बड़ा बदलाव करने जा रही है। जेल मैनुअल में बदलाव का प्रस्ताव जेल विभाग ने बनाकर सरकार को भेज दिया है। अब कैबिनेट में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। प्रदेश में नए मैनुअल के लागू होने से अंग्रेजों के जमाने की जेलें भी अत्याधुनिक होंगी। केंद्र सरकार ने माडल जेल मैनुअल 2016 बनाया है और सभी राज्य सरकारों से कहा है कि वे इसके अनुसार अपना मैनुअल अपडेट करें। अभी तक केंद्र शासित प्रदेश सहित 11 राज्य अपना मैनुअल अपडेट कर चुके हैं।

हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी माडल जेल मैनुअल 2016 के अनुसार अपना नया मैनुअल बनाने के लिए कहा है। इसके बाद राज्य सरकार भी अपने 1968 में बने जेल मैनुअल में बदलाव कर नया मेनुअल बनाने में जुट गई है।

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नए मैनुअल में क्या हैं प्रावधान-

नए जेल मैनुअल में कैदियों के पुनर्वास, महिला कैदियों के लिए अलग जेल और खुली जेल समेत अनेक बिंदुओं को समाहित किया गया है। कैदियों की समाज में पुनर्स्थापना करने, जेल के अधिकारियों के बीच अनुशासन का भी इसमें प्रावधान किया गया है। सभी जेलों को अत्याधुनिक बनाने का भी उपबंध किया गया है। प्रदेश में जेलों की चहारदीवारी पांच मीटर से छह मीटर ऊंची की जाएगी। मोबाइल आदि इलेक्ट्रानिक गैजेट्स भी बंदियों द्वारा जेल के अंदर ले जाना प्रतिबंधित किए जाएगा और मादक पदार्थों को भी ले जाया जाना प्रतिबंधित किया जाएगा, जिनका वर्तमान जेल मैनुअल में प्रावधान नहीं है।

दो सौ वर्ष पुरानी जेलें भी होंगी अत्याधुनिक-

मध्य प्रदेश में कई जेलें ऐसी हैं, जिनको बने दो सौ वर्ष हो चुके हैं। नए माडल मैनुअल में कैदियों के लिए लाइब्रेरी बनाने, उन्हें अनेक प्रकार की शिक्षा से युक्त करने, उनके स्वास्थ्य की व्यवस्था करने, जेल में ही अच्छा अस्पताल और मानसिक विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम शुरू करने का भी प्रविधान किया गया है।