भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 27 फरवरी से 27 मार्च तक संचालित होना है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से विधानसभा भवन और उसके आसपास के क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस संबंध में भोपाल पुलिस कमिश्नर ने आदेश जारी कर दिया है। एमपी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान परिसर के बाहर राजनीतिक दल या संगठनों की ओर से धरना-प्रदर्शन, जुलूस और घेराव की संभावना को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। आदेश में कहा गया कि विधानसभा भवन और आसपास के क्षेत्रों में विधि व्यवस्था को देखते हुए 27 फरवरी से 27 मार्च तक धारा 144 लागू रहेगी। इस दौरान सार्वजनिक स्थान पर शस्त्र, लाठी डण्डा, भाला, पत्थर, चाकू, अन्य धारदार हथियार, प्रदर्शन, धरना, घेराव आदि प्रतिबंधित रहेगा।
आज मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अभिभाषण से हुई। बता दें कि, मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार ई बजट पेश किया जाएगा। पेपरलेस बजट को लेकर सियासत शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एसटी विधायकों को डिजिटाइजेशन की जानकारी नहीं है। इस पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह बोलना विधायकों की दक्षता पर सवाल है। टेक्नोलॉजी को एक्सेप्ट करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि विपक्ष पेपरलेस बजट का विरोध करेगा। डिजिटल बजट पेश करना तानाशाही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के विधायकों को डिजिटाइजेशन की जानकारी नहीं है। इसलिए डिजिटल बजट का हम विरोध करेंगे।
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टेक्नोलॉजी को हमें एक्सेप्ट करना चाहिए
इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि यह बोलना विधायकों की दक्षता पर सवाल है। टेक्नोलॉजी को हमें एक्सेप्ट करना चाहिए। आज गांव का व्यक्ति भी गेहूं उपार्जन की खबर एसएमएस से लेता है। विपक्ष को पेपरलेस बजट का स्वागत करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सभी विधायकों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि विधायक स्टडी करके ही विधानसभा में आए। कई बार देखने में आया है कि विधायक स्टडी करके नहीं आते है। यह मौजूदा सरकार का आखिरी बजट सत्र है। इस सत्र में मैराथन दौड़ की तरह परफॉर्मेंस दें।