Bhopal News : भोपाल संभाग के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावासों के अधीक्षकों की वर्चुअल समीक्षा बैठक रविवार दोपहर को आयोजित की गई। इसमें भोपाल संभाग के लगभग 300 छात्रावास अधीक्षक, संभागीय उपायुक्त और 5 जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में भोपाल संभाग कमिश्नर माल सिंह भयडिया बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा कि अपने छात्रावास को आदर्श बनाने और उसे उत्कृष्ट सूची में शामिल करने के लिए अधीक्षकों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। इसके लिए पहले टारगेट सेट करें और फिर प्लानिंग बनाकर काम करें। कमिश्नर ने प्रत्येक जिले के 5 उत्कृष्ट छात्रावासों की सराहना की और 5 निम्न श्रेणी के छात्रावासों के अधीक्षकों को सुधार हेतु सकारात्मक सुझाव व मार्गदर्शन दिया। उन्होंने अधीक्षकों को बेहतर छात्रवास प्रबंधन के गुर भी सिखाए। इस अवसर पर जनजातीय कार्य विभाग की संभागीय उपायुक्त सीमा सोनी उपस्थित रहीं।
अधोसंरचना, मानवसंसाधन और सौंदर्यीकरण पर हुई चर्चा
बैठक में छात्रावासों की अधोसंरचना जैसे शयन कक्ष, शौचालय, स्नानागार, रसोई कक्ष, विद्युत व्यवस्था, जल व्यवस्था बाउण्ड्रीवॉल और सुरक्षा के अहम पहलुओं पर चर्चा की गई। वहीं, कर्मचारियों की व्यवस्था, कर्मचारियों एवं अधीक्षकों का मुख्यालय पर निवास जैसे मानव संसाधन संबंधी विषयों पर मार्गदर्शन भी दिया गया। साथ ही विद्यार्थियों के प्रवेश, अध्ययन, अध्यापन, स्वास्थ्य, साफ-सफाई, कौशल विकास एवं अभिरूचि और अनुशासन जैसी जरूरी बातों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस वर्चुअल बैठक में छात्रावासों के सौंदर्यीकरण के लिए वहां वृक्षारोपण, किचिन गार्डन, खेलकूद मैदान और अन्य साज-सज्जा के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए।
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पीपीटी के माध्यम से सिखाया छात्रावास प्रबंधन
कार्यशाला के दौरान अधीक्षकों को विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर छात्रावासों में किए जाने वाले प्रबंधन, परिवर्तन व व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से समझाया गया। साथ ही पीपीटी के माध्यम से छात्रावास और विद्यार्थियों की जरूरतों के अनुसार श्रेणीवार सलाह व दिशा-निर्देश प्रस्तुत किए गए। अधीक्षकों को आदर्श छात्रावास की परिकल्पना और मौलिक आवश्यकताओं के बारे में बताया।
अधीक्षकों को दिए ये टिप्स
- दैनिक समाचार पत्रों व अन्य मीडिया के माध्यम से सीटों व प्रवेश का प्रचार-प्रसार करें।
- छात्रावासों के आसपास के विद्यालयों से सपर्क कर उन्हें रिक्त सीटों की जानकारी दें।
- संबधित छात्रावास अधीक्षक व मंडल संयोजक सीटों के भरने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी लें।
- संबधित वर्ग के परिवारों से संपर्क कर उन्हें छात्रावास की सीटों और सुविधाओं की जानकारी दें।
- जिला स्तर पर शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर सीटों के भरने के लिए प्रयास करें।