भोपाल। या तो दीवाना हंसे कोई, या वह जिसे तौफीक दे… के हालात वाले दौर में हंसने की कला रखना भी किसी बड़े अजूबे से कम नहीं है। हास्य राजदूत (एम्बेसडर) जनार्दन शर्मा पिछले कई बरस से इस खास कला को जीवित भी रखे हुए हैं और इसको जन जन तक पहुंचाने के प्रयास भी कर रहे हैं। शर्मा की इस खास कला को विभिन्न मंचों पर सराहा जाता रहा है।

जनार्दन शर्मा प्रदेश सरकार के आनंदम विभाग से जुड़े हैं

इसी कड़ी में पिछले दिनों आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्हें सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि जनार्दन शर्मा मध्यप्रदेश सरकार के आनंदम विभाग से जुड़े हुए हैं। वे लंबे समय से मनपसंद हास्य योग क्लब का संचालन भी कर रहे हैं और लोगों को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित भी करते रहते हैं। शर्मा कहते हैं कि आज के भागदौड़ और तनाव भरे जीवन में खुद को स्वस्थ रखने के विभिन्न प्रयासों में हास्य योग को शामिल किया जाना एक बेहतर उपाय हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये हर बीमारी की अचूक दवा है, जो बिना किसी महंगे खर्च के आसानी से हर जगह उपलब्ध है।

शिवराज-कमलनाथ के बीच ‘एक सवाल मैं करूं, एक सवाल तुम करो…’ वाली सियासत जारी