जबलपुर। देश की आजादी पर दिए गए विवादित और गैर जिम्मेदाराना बयान के कारण अभिनेत्री कंगना रनौत की परेशानी बढ़ने वाली हैं। दरअसल कंगना के इस बयान के बाद मप्र के जबलपुर की जिला अदालत में एक अधिवक्ता ने परिवाद दायर कर कंगना के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
गौरतलब है कि कंगना ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि भारत देश को आजादी 1947 में नहीं मिली थी, बल्कि 2014 में मिली थी। कंगना के इस बयान के बाद कांग्रेस के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं ने भी उनकी कड़ी आलोचना की थी। यूपी के फायरब्रांड नेता वरुण गांधी ने तो उनके बयान को पागलपन करार दे दिया है।
कंगना के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
अधिवक्ता अमित साहू ने कोर्ट से कहा कि कंगना रनौत ने देश की आजादी पर गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है, जो राष्ट्रहित में नहीं है। इस दौरान अधिवक्ता ने परिवाद दायर करते हुए जिला अदालत से कंगना रनौत के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि देश की आजादी को लेकर जो बयान कंगना ने दिया है, वह माफी योग्य नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ एफआरआई दर्ज की जानी चाहिए। अमित साहू ने कोर्ट से कहा है कि आजादी में कई स्वतंत्रता सेनानियों अपनी जान की परवाह किए बगैर शहीद हो गए और कंगना 1947 में मिली आजादी को भीख समझ रही हैं।
कांग्रेस विधायक की मांग वापिस लिया जाए पद्मश्री
कंगना के इस बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस विधायक और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने भारत के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कंगना से पद्मश्री वापस लिए जाने की मांग कर दी है। पूरे मामले पर भनोट ने कहा है देश की आजादी को लेकर कंगना जो बयान दे रही हैं, वो अशोभनीय है।