Bhopal News: बैरसिया इलाके में आज सुबह एक होमगार्ड जवान की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। उसकी मौत कैसे हुई, इसका खुलासा नहीं हो सका है। जबकि परिजनों ने कुछ लोगों पर हत्या करने के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
भूपेंद्र सिंह राजपूत भोपाल होमगार्ड का जवान था-
पुलिस के मुताबिक भूपेंद्र सिंह राजपूत भोपाल होमगार्ड का जवान था। आज सुबह उसकी लाश खजुरिया नदी के पास लावारिस हालत में मिली। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक का शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक के छोटे बेटे ने कुछ लोगों पर पिता की हत्या करने का आरोप लगाया। हालांकि शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं दिख रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
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मप्र मानव अधिकार आयोग 29 मार्च को बैतूल में जनसुनवाई करेगा
भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मानव अधिकार के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जिलास्तर पर सीधी जनसुनवाई की जाती है। इसी श्रृंखला में आयोग द्वारा आगामी 29 मार्च को जिला पंचायत कार्यालय, बैतूल के सभागृह में सुबह 11 बजे से मप्र मानव अधिकार आयोग में पहले से लम्बित मामलों एवं नये प्राप्त आवेदनों की जनसुनवाई की जायेगी।
इस जनसुनवाई में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं सदस्य राजीव कुमार टंडन सहित आयोग में बैतूल जिले के मानवाधिकार हनन मामलों के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी सहित आयोग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं जिलाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। आयोग के पदाधिकारी 28 मार्च की रात्रि को बैतूल पहुंचेंगे। अगले दिन अर्थात 29 मार्च को जनसुनवाई कार्यक्रम पश्चात बैतूल से रवाना होकर देर शाम तक भोपाल आयेंगे।
नशा देकर अपहरण किया, एक लाख में बेचा-
भोपाल शहर के चूनाभटटी इलाके में एक नाबालिग बच्ची को नशीला पदार्थ पिलाकर अपहरण करने और उसे बंधक बनाकर रखने और उसे किसी अन्य को एक लाख रुपए में बेचने का मामला सामने आया है। बच्ची 15 जुलाई 2021 को घर से लापता हो गई थी और किसी तरह बचकर लौट आई है। उसने बताया कि उसका अपहरण हो गया था, उसके साथ ज्यादती भी की गई थी। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में पुलिस कमिश्नर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
साहब में जिंदा हूं, कागजों में भी जिंदा कर दो
डिंडौरी जिले में सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही से एक गरीब किसान कीरत सिंह खुद को जिंदा साबित करने के लिये सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। उसे पीएम किसान योजना की सातवीं किश्त मिल चुकी है। पर 18 महीने पहले राजस्व अधिकारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब कीरत सिंह खुद को सरकारी दस्तावेजों में जिंदा साबित कर देने या उसे इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की बात कह रहा है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर डिंडौरी से प्रकरण की जांच कराकर पीड़ित किसान की समस्या का समाधान कराकर तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।
पांच महीने के शिशु का गला दाग दिया-
शहडोल जिले के उमरिया करकेली गांव का एक पांच माह के बच्चे के साथ इलाज के नाम पर इस कदर क्रूरता की गई कि उसका गला तक दाग दिया गया। बच्चे की हाल बिगड़ती जा रही है। अब उसे नली से दूध पिलाया जा रहा है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मामले में कलेक्टर एवं एसपी शहडोल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है।