भोपाल। भोपाल के कान्हा सैया क्षेत्र में मंगलवार को पतंग लूटते समय एक 10 साल का बालक पुष्पेंद्र 25 फीट ऊंची छत से नीचे गिर गया, जिसे गंभीर हालत में आनंदनगर स्थित नागपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को सुबह इलाज के दौरान पुष्पेंद्र की मृत्यु हो गई। पुष्पेंद्र परिवार का इकलौता चिराग था।जिस छत से पुष्पेंद्र नीचे गिरा है उस छत की बाउंड्रीवॉल सिर्फ एक फीट ऊंची थी।

परिजन ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजन का कहना है कि बच्चे का डॉक्टर ने समय से इलाज शुरू नहीं किया। परिवार ने कार्रवाई की मांग को लेकर चक्काजाम कर दिया। इस मामले में पुष्पेन्द्र के बड़े पापा धनराज ने इलाज में डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।

धनराज का कहना है अस्पताल प्रबंधन ने आपरेशन के लिए 20 हजार रुपए जमा करा लिए। इसके बाद भी पांच घंटे तक बच्चे का आपरेशन नहीं किया गया। बाद में बाहर से डॉक्टर से बुलाकर ऑपरेशन किया गया। इसके बाद दवा के नाम पर पैसा वसूलते रहे।

भोपाल में वैसे तो पतंगबाजी हमेशा चलती रहती है लेकिन मकर संक्राति के आगमन के पहले कुछ ज्यादा लोगों का पतंगबाजी पर जोर रहता है। लेकिन ज्यादातर लोग बच्चों का पतंग उड़ाते समय ध्यान नहीं रखते हैं ऐसे में खुली छतें और छतों के नजदीक से निकले खुले बिजली के तार बच्चों के लिए खतरनांक साबित होते हैं।

बरखेड़ा पठानी में रहने वाले दिनेश रंगीले का 10 साल का इकलौता बेटा पुष्पेंद्र उर्फ प्रिंस दूसरी कक्षा में पढ़ता था। 20 दिसंबर को वह अपनी दादी गुलाब बाई के साथ कान्हा सैया में रहने वाले ताऊ धनराज के घर गया हुआ था। मंगलवार सुबह साढ़े 10 बजे के बाद वह छत पर था। इसी बीच उसे छत के पास ही एक पतंग उड़ती हुई दिखी। पतंग को लूटने के चक्कर में वह छत से नीचे गिर गया।