Pandit Pradeep Mishra
Pandit Pradeep Mishra

भोपाल। सीहोर जिले में 16 से 22 फरवरी के बीच पंडित प्रदीप मिश्रा कथा वाचन करेंगे। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भोपाल और सीहोर से गुजरने वाली आठ ट्रेन को निरस्त कर दिया है। इससे श्रद्धालुओं में आक्रोश है।बंद की गई रेल सुविधा को शुरु करने के लिए भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव को पत्र लिखा है।

प्रज्ञा ठाकुर ने इस पत्र में लिखा है कि सीहोर के प्रसिद्ध सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में महाशिवरात्रि के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा के कथा वाचन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देशभर के लाखों श्रुद्धालु सम्मिलित होते हैं। ऐसे समय रेलवे द्वारा बड़ी संख्या में ट्रेन निरस्त करने से धर्मावलंबियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

सांसद ने रेलमंत्री से पत्र के माध्यम से बंद की गई रेल सुविधा को वापस शुरु करने की मांग की है।बता दें कि बीते वर्ष सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान रुद्राक्ष वितरण की वजह से अचानक लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। जिसकी वजह से प्रशासन की व्यवस्थाएं चरमरा गई थी। इससे सीख लेते हुए इस बार रेलवे ने यह कदम उठाया है।

रेल मंत्री ने दिया आश्वासन-

वहीं, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रेल मंत्री ने आश्वासन दिया है कि निरस्त की गई ट्रेनें जल्द शुरू हो जाएंगी। इसके साथ ही सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के प्रयास से संत हिरदाराम नगर और सीहोर रेलवे स्टेशन अमृत भारत योजना में शामिल हुआ है। बजट के दौरान भोपाल के लिए ट्रेनों का सौगात मिलने पर सांसद ने खुशी भी जताई थी। साथ ही पीएम मोदी और रेल मंत्री को धन्यवाद भी दिया।

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सेवाभाव की आड़ में मरीजों को खुलेआम लूटते हैं चिकित्सक

भोपाल। चिकित्सक को समाज में भगवान का दूत माना जाता है, लेकिन दुर्भाग्यवश समाज में कुछ ऐसे भी डॉक्टर हैैं जो सेवाभाव की आड़ में मरीजों को खुलेआम लूटते हैं। शहीद भवन में रविवार को मंचित नाटक डॉक्टर मगरमच्छ में दर्शकों ने ऐसे ही एक डॉक्टर की कहानी देखी।

लेखक मंजूर एहतेशाम की स्मृति में रंग-संचार द्वारा तीन दिवसीय नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उनके रचित नाटकों को मंगीराम के निर्देशन में मंचित किया जा रहा है। नाटक में लाइव म्यूजिक ने गरीब मरीजों से हुई ठगी के दृश्यों को और भी संजीदा बनाया। गानों के माध्यम से कलाकारों ने चिकित्सा व्यवस्था पर भी कटाक्ष किया।

जांच के बहाने मरीजों से होती थी लूट-

जिस डॉक्टर को मरीज भगवान का दूत समझते हैैं, वह ठग डॉक्टर मगरमच्छ की तरह मरीजों को चबाने के लिए मुंह फाड़े रहता है। गरीब और असहाय लोगों की सेवा की बजाए वह तरह-तरह के टेस्ट के जरिए लोगों को लूटता है। जिसे कोई रोकने वाला भी नहीं रहता है।

सेवाभाव का चोला ओढ़े, जरुरतमंदों से ठगी करके वह डॉक्टर अपनी दूसरी क्लीनिक भी शुरु कर देता है। लेकिन जैसी करनी-वैसी भरनी तो होती ही है। एक दिन डॉक्टर के क्लीनिक के ठीक सामने एक्सीडेंट में उसके परिवार की गाड़ी ट्रक की चपेट में आ जाती है, फिर उसका सेवाभाव जागृत हो जाता है।