भोपाल। राजधानी में रेलवे भर्ती बोर्ड का अधिकारी बनाकर एक जालसाज ने अपने साथी के साथ मिलकर एक युवक को रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 8.35 लाख रूपए ठग लिए। आरोपियों ने उसे फर्जी नियुक्ति पत्र देकर डीआरएम ऑफिस समेत रेलवे के अन्य विभाग में घुमाया और किराए का मकान दिलाकर ट्रेनिंग करा दी। वहीं बैंक में खाता खुलवाकर चार माह की सैलरी भी पीड़ित के खाते में जमा करा दी।
रेलवे भर्ती बोर्ड के बड़े अधिकारी नीरज नेन्शन मैथे-
क्राइम ब्रांच ने ठगी के शिकार हुए युवक के पिता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। एएसआई जुबेर अहमद ने बताया कि इंदौर निवासी प्रीतपाल सिंह बाधवा(57) बैंकों से फायनेंस कराने का काम करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि इंदौर के रहने वाले संदीप दास से उनकी जान पहचान वर्ष 2020 में हुई थी। इस दौरान संदीप ने उन्हें बताया था कि उसकी रेलवे में नौकरी लग गई है। वह रेलवे भर्ती बोर्ड के बड़े अधिकारी नीरज नेन्शन मैथे को अच्छी तरह जानता है। उनकी मदद से ही उसकी नौकरी लगी है।
संदीप ने कहा कि आपके बेटे प्रतीक सिंह की भी नौकरी रेलवे में लग सकती है। इसके लिए उन्हें रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारी नीरज नेन्शन मैथे से मिलना होगा। इसके बाद फरियादी अपने बेटे प्रतीक सिंह के साथ भोपाल पहुंचे और नीरज नेन्शन से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें बताया गया कि रेलवे में नौकरी के लिए 10 लाख रूपए लगेंगे। इसके बाद 6 फरवरी 2020 को उन्होंने आरोपी संदीप दास और नीरज नेन्शन मैथे को करोंद इलाके में 96 हजार रूपए का चेक दिए। इसके बाद अलग-अलग समय में कुल 8.35 लाख रूपए दिए।
प्रतीक सिंह का बैंक खाता भी खुलवाया-
इसी बीच आरोपियों ने प्रतीक सिंह के नाम पर रेलवे का नियुक्ति पत्र दे दिया। आरोपियों ने उसे ट्रेनिंग के नाम पर करोंद इलाके में एक किराए का मकान दिलाकर रखा। इसके बाद प्रतीक सिंह को कभी डीआरएम ऑफिस को कभी रेलवे कोच फैक्ट्री तो कभी किसी अन्य स्थान पर ले जाया गया। आरोपियों ने इसी बीच प्रतीक सिंह का बैंक खाता भी खुलवाया और करीब चार माह की सैलरी के नाम पर उसके खाते में 1.20 लाख रूपए जमा करा दिए।
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शक होने पर जांच-पड़ताल शुरू की तो जालसाजी का पता चला-
लेकिन उसके बाद उसकी न तो रेलवे के किसी ऑफिस में ज्वाइनिंग कराई गई और न ही सैलरी मिली। शक होने पर फरियादी ने अपने स्तर पर जांच-पड़ताल शुरू की तो जालसाजी का पता चला। फरियादी ने आरोपियों से पैसा वापस मांगा लेकिन उन्होंने पैसा नहीं लौटाया।
इसके बाद फरियादी ने एक शिकायती आवेदन दिया था। जिसकी जांच के बाद पुलिस ने आरोपी संदीप दास और नीरज नेन्शन मैथे के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपी संदीप दास खंडवा कोतवाली में दर्ज एक अन्य धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद है।