भोपाल। मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना मंडल (एमपी हाउसिंग बोर्ड) में सहायक मानचित्रकार रहे एक कर्मचारी ने सरकारी आवास को स्वयं का बताकर पांच लाख रुपए में बेच दिया। ठगी का पता चलते ही फरियादी की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
गोविंदपुरा पुलिस के अनुसार संजय अत्रीवाले हाउसिंग बोर्ड में सहायक मानचित्रकार के पद पर पदस्थ था। हाउसिंग बोर्ड ने उसे गौतम नगर में स्थित हाउसिंग बोर्ड के काम्प्लेक्स में सरकारी फ्लैट रहने के लिए आवंटित किया था। वर्ष 2008 में अत्रीवाले ने प्राइवेट काम करने वाले संजय गोस्वामी को उक्त फ्लैट स्वयं का बताकर बेचने का अनुबंध कर लिया। अत्रीवाले ने संजय को पांच लाख में फ्लैट देने का सौदा किया और 4.30 लाख रुपए चेक और नकदी 2008 में ले लिए। इसके बाद हाउसिंग बोर्ड ने एनओसी मिलते ही रजिस्ट्री का झांसा दिया। इसके बाद वह सालों से इसी तरह संजय गोस्वामी को लटकाए रखा।
Fraud: दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का केस दर्ज
कुछ साल बाद संजय को उक्त फ्लैट रहने के दे दिया। संजय भी फ्लैट रहने के लिए मिलने के बाद रजिस्ट्री के लिए दबाव नहीं बनाया। अगस्त 2021 में जब प्रदीप अत्रीवाले हाउसिंब बोर्ड की सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हो गया, तब बोर्ड ने उसे मकान खाली करने को कहा। जब हाउसिंब बोर्ड के कर्मचारी मकान खाली कराने पहुंचे, तब संजय गोस्वामी को पता चला कि उक्त फ्लैट तो सरकारी आवास है।
इसके बाद अगस्त 2022 में फरियादी ने गोविंदपुरा थाने में लिखित शिकायत की थी। हाल ही में हाउसिंग बोर्ड ने भी पुलिस को सूचना दी कि उनके सरकारी फ्लैट में संजय गोस्वामी नाम का व्यक्ति अनधिकृत रूप से कब्जा कर मकान में रह रहा है। इसके बाद पुलिस ने संजय की शिकायत पर प्रदीप अत्रीवाले के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।