भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है। पिछले 11 दिन में तीसरी बार सरकार कर्जा लेने जा रही है। शिवराज सरकार ने 11 साल के लिए फिर 3 हजार करोड़ का कर्ज लेगी। 14 फरवरी को सरकार रिजर्व बैंक में बांड गिरवी रख लोन लेगी। साल 2022-23 में 14 हजार करोड़ का सरकार ने लोन लिया था।
साल 2034 तक आरबीआई को सरकार ऋण चुकाएगी-
जानकारी के मुताबिक 31 जनवरी और 4 फरवरी को भी रिजर्व बैंक में बांड गिरवी रख सरकार कर्ज ले चुकी है। साल 2034 तक आरबीआई को सरकार ऋण चुकाएगी। 2022 में प्रदेश सरकार को 57 हजार करोड़ का वित्तीय घाटा हुआ है। आय से अधिक सरकार खर्च कर चुकी है। सरकार तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है। हर साल 46 हजार करोड़ रुपए देने पड़ रहे हैं।
बता दें कि राज्य के लिए साल 2023 का नया बजट तैयार किया जा रहा है। इस बार 3 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। बजट सत्र 27 फरवरी से 27 मार्च तक चलेगा। हालांकि शनिवार-रविवार और होली की छुट्टी भी रहेगी। सत्र इसलिए भी खास है क्योंकि इस साल के आखिरी में चुनाव है। इससे ज्यादा कर्ज सरकार ने बाजार से लिया है। वर्तमान में राज्य सरकार पर कुल कर्ज का बोझ तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
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MP में महिलाओं को बड़ा तोहफा
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 15 जिलों की महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य की पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया और सहरिया महिलाओं के खाते में सरकार ने पैसे ट्रांसफर किए हैं। ये पैसे आहार अनुदान योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से 2 लाख 41 हजार 120 महिलाओं के खाते में 24 करोड़ 11 लाख 20 हजार रुपये की अनुदान ट्रांसफर की है। मुख्यमंत्री निवास में हुए एक आयोजन में सीएम शिवराज ने सीधे महिलाओं के खाते में यह राशि अंतरित की। साल 2017 में मध्य प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए आहार अनुदान योजना शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य यह है कि पिछड़ी जनजातियों की महिलाएं अनुदान की राशि अपने परिवार की बेहतरी के लिए खर्च करें।
आहार अनुदान योजना के तहत प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये अनुदान राशि दी जाती है। यह राशि सीधे महिला के खाते में अंतरित की जाती है। राशि अंतरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों को पशुपालन गतिविधियों से जोड़ने के लिए राज्य सरकार योजना शुरू कर रही है। योजना में परिवारों को दो पशु, भैंस या गाय उपलब्ध कराई जाएगी, जिसकी 90 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी।
आपको बता दें कि आहार अनुदान योजना प्रदेश के 15 जिलों में संचालित है। इन जिलों के अलावा अन्य जिलों में रह रही विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।