भोपाल। मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने मानव अधिकारों से जुड़े चार मामलों में संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है। पहला मामला भोपाल के इतवारा इलाके का है। जहां बढ़ते नशे के कारोबार और नौजवान युवक-युवतियों द्वारा नशाखोरी कर अपने जीवन से खिलवाड़ करने संबंधी एक रिपोर्ट पर आयोग ने संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने आयोग ने पुलिस कमिश्नर को प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। रिपोर्ट के माध्यम से आयोग के संज्ञान में आया है कि इतवारा इलाके में महज 20 रूपये में गांजे की छोटी पुडिय़ा पान की गुमठियों पर बड़ी आसानी से मिल जाती है। इसके अलावा 30, 40 और 50 रूपये की गांजे की पुड़िया भी आसानी से मुहैया हो जाती है। चरस की छोटी सी गोली 50 से 100 रूपये में मिल जाती है। पुलिस ने कार्यवाहियां तो की हैं, पर कुछ दिन बाद नशा कारोबारी फिर से सक्रिय हो जाते हैं।
खंभों पर केबलों का मकडज़ाल –
भोपाल के पुराने शहर के मोती मस्जिद चैराहे और इब्राहिमपुरा बैंड मास्टर चैराहे पर स्थापित खंभों पर बड़ी संख्या में विद्युत विभाग और निजी कंपनियों के केबल्स का मकडज़ाल फैला है। इस लापरवाही के चलते कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। मामले में आयोग ने कार्यपालन यंत्री, मप्र मध्य क्षेत्र विविकंलि, भोपाल से मामले की जांच कराकर कार्यवाही का 15 दिन में जवाब मांगा है।
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स्कूली छात्रा का रास्ता रोककर अश्लील हरकत
आयोग ने भोपाल में एक स्कूली छात्रा का रास्ता रोककर उसके साथ अश्लील हरकत किऐ जाने की घटना पर संज्ञान लिया है। घटना गोविंदपुरा क्षेत्र की है। आयोग ने पुलिस कमिश्नर, भोपाल से 15 दिन में जवाब मांगा है।
जिंदा होने का प्रमाण लिए भटक रहा किसान –
मंदसौर जिले का एक किसान बीते दो सालों से अपने जिंदा होने का प्रमाण लिये घूम रहा है, पर कोई उसे जिंदा नहीं मान रहा है। इस वजह से उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नापाखेड़ा पटवारी ने उन्हें योजना में मृत बता दिया है। अब किसान खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर से प्रकरण की जांच कराकर पीडि़त व्यक्ति की समस्या के समाधान के लिए की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।