इंदौर के पास महू के किशनगंज थाना क्षेत्र के पिगडंबर में फिरौती के लिए कांग्रेस नेता के 7 साल के भतीजे का अपहरण कर हत्या कर दी गई। किडनैपर को जब पता चला कि पुलिस को इसकी खबर हो गई है तो उन्होंने डरकर बच्चे की हत्या कर दी। मासूम हर्ष चौहान, जितेंद्र सिंह चौहान का बेटा था। जितेंद्र के बड़े भाई विजेंद्र सिंह चौहान महू में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हैं। अपहरण करने वाले बच्चे के परिजन हैं।

इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में माइनिंग कारोबारी के बेटे का अपहरण के बाद हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। कल शाम को पिगडंबर के माइनिंग कारोबारी और बड़े किसान के बेटे को दो रिश्तेदारों ने अगवा कर चार करोड़ की फिरौती मांगी, लेकिन अपहरण में पुलिस की एंट्री होते ही पहचान होने और पकड़े जाने के डर से अपहर्ता ने बच्चे को मार दिया। अपहरण में शामिल एक अपहर्ता ने बच्चे को कैद कर रखा था, जबकि दूसरा परिजनों के साथ रहकर उसे पल-पल की खबर दे रहा था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहले साजिश रचने वाले एक रिश्तेदार को पुलिस ने पकड़ा और फिर अपहरण करने बच्चे को ले जाने वाले दूसरे रिश्तेदार को, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। वह बच्चे को मार चुका था।

घुमाने के लिए जंगल ले कर गए थे…

जानकारी के अनुसार, पिगडंबर के विजेंद्रसिंह चौहान और जितेंद्र सिंह चौहान बड़े किसान हैं। इनका खेतीबाड़ी के अलावा इंदौर और देवास में माइनिंग का भी काम है। जितेंद्रसिंह चौहान का छोटा बेटा 6 वर्षीय हर्ष उर्फ हरशु रिश्तेदार रितिक उर्फ नितिन उर्फ रिसिद पिता सुभाष के घर कल शाम रोज की तरह खेलने गया। रितिक जितेंद्र की बुआ की लड़की का लड़का है। रितिक ने हर्ष को अपने दूसरे रिश्तेदार विकास उर्फ विक्की उर्फ विक्रांत पिता अशोक को दे दिया। अशोक उसे एक अल्टो कार से सिमरोल के मेंडल के जंगल में लेकर गया। उधर, रितिक जितेंद्रसिंह के परिवार के साथ घूमकर बच्चे को खोजने का ढोंग कर रहा था और विकास को फोन पर पल-पल की अपडेट दे रहा था।

फोन पर मांगी 4 करोड़ की फिरौती

करीब 8 बजे विकास ने जितेंद्र को फोन लगाकर चार करोड़ की फिरौती मांगी। फोन आते ही जितेंद्र और उसका परिवार पैसों की व्यवस्था में लग गया, लेकिन इसी बीच किशनगंज टीआई को अपहरण की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर सिविल ड्रेस में पहुंची और पूरी जानकारी ली। एसपी बिरदे भी पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बच्चे की तलाश शुरू की। इस बीच पुलिस को रेलवे फाटक के पास एक फुटेज मिला, जिसमें रितिक बच्चे को ले जाता दिखा। पुलिस ने रितिक के फुटेज दिखाए तो उन्हें भरोसा नहीं हुआ। उधर, बेफ्रिक रितिक अपने साथी से फोन पर बात करता रहा।

रितिक ने बताई सच्चाई

बातों ही बातों में पुलिस ने रितिक को बुलाया और फिर जब उसकी पिटाई की तो वह चंद मिनट में टूट गया और पूरी कहानी बताई। यहां तक भी पुलिस को लग रहा था कि बच्चा सुरक्षित है, लेकिन रितिक के पकडाऩे के बाद विकास ने फोन उठाना बंद कर दिया। रितिक को भी नहीं मालूम था कि विकास बच्चे को कहां लेकर जाएगा। फिर पुलिस ने जगह-जगह अल्टो की लोकेशन पता की तो पुलिस को ओंकारेश्वर में विकास की लोकेशन मिली। पुलिस ने ओंकारेश्वर थाना प्रभारी को उसके पीछे लगाया और कुछ ही देर में विकास पकड़ा गया और फिर विकास ने जो कहानी बताई उसके बाद पुलिस अफसोस के आंसू बहाने लगी।

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एसपी भगवत बिरदे ने बताया कि हमारा लक्ष्य बच्चे को सुरक्षित लाना था। इसके लिए हमने हरसंभव प्रयास किया, लेकिन विकास के पकड़ाने के बाद उसने जो बताया वह किसी सदमें से कम नहीं था। विकास ने पुलिस को बताया कि फिरौती मांगने के कुछ देर बाद ही पकड़ाने के डर के मारे मेंडल के जंगल में बच्चे को मार दिया। आरोपियों को बच्चे के परिवार की आर्थिक स्थिति पता थी। उन्हें लगा कि बच्चे को अगवा करने के बाद परिजन तुरंत चार करोड़ दे देंगे।