जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू की अध्यक्षता में आयोजित पूर्व एमआईसी की बैठक में पारित दो ऐतिहासिक प्रस्तावों पर आज सदन में चर्चा के उपरांत सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई। इस संबंध में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने जानकारी देते हुए बताया कि सदन में सभी सम्माननीय सदस्यों के द्वारा एमआईसी के द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव, ग्वारीघाट के नाम को परिवर्तित करते हुए गौरीघाट करने संबंधी मंजूरी दी गई, इस प्रकार अब ग्वारीघाट को संस्कारधानी के नागरिक गौरीघाट के नाम से जानेंगे और यही नाम अब प्रचलित होगा।
जबलपुर में प्रदेश का सबसे ऊॅंचा 75 फीट का राष्ट्रध्वज फहराया जाएगा
वहीं दूसरी तरफ सदन में ही आज एक और प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिसके संबंध में महापौर अन्नू ने बताया कि संस्कारधानी जबलपुर में प्रदेश का सबसे ऊॅंचा 75 फीट का राष्ट्रध्वज फहराया जायेगा। महापौर ने कहा कि सदन की बैठक में संस्कारधानी के गौरव को बढ़ाते हुए जबलपुर के नागरिकों के सम्मान में दो ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किये गए।
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सदन की बैठक में आज महापौर अन्नू ने अपने उद्गार में यह भी कहा कि उनके लिए सभी सम्माननीय पार्षद साथी नगर निगम परिवार के सदस्य हैं और परिवार के सदस्यों के प्रति समानता का भाव रखना मुखिया का दायित्व होता है, इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने कहा कि सभी वार्डो में पार्षदों को विश्वास में लेकर जनहित को भी ध्यान में रखकर विकास के कार्य कराये जाएंगे। बैठक में महापौर द्वारा सभी सम्माननीय सदस्यों की बातें गंभीरता से सुनी गई और उन पर विचार करते हुए सभी सुझावों को अमल में लाने का आश्वासन दिया गया।