MP NEWS : चुनावी साल में सवाल-जवाब के बीच बयानों की बौछार भी जारी है। पीसीसी चीफ कमलनाथ के नहीं लडूंगा चुनाव वाले बयान के बाद मचे सियासी कोहराम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अपने उनके ही नेता कमलनाथ के इस बयान के मायने नहीं निकाल पा रहे हैं। इधर, भाजपा को तो मानो बयानरूपी संजीवनी मिल गई, भाजपाई अब इस कमलनाथ के इस बयान के बहाने कांग्रेस नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। हालांकि, इस बीच कमलनाथ ने अपने बयान को लेकर सफाई देते हुए इस सियासी बवाल को कुछ कम करने की कोशिश की है।

क्योंकि उन्हें सभी सीटों को देखना है…

बता दें कि, गुरुवार को भोपाल में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने मीडिया से अनौपचारिक वार्ता में यह संकेत किया कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि उन्हें सभी सीटों को देखना है। बाद में प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इसे लेकर जब ट्वीट कर दिया तो बड़ी सियासी हलचल मची तथा प्रदेश कांग्रेस की तरफ से इससे मना किया गया। पार्टी के मीडिया विभाग की तरफ से सफाई पेश करते कहा गया कि कमल नाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के विषय में कोई ऐलान नहीं किया है। मीडिया से इसी वार्ता में कमल नाथ ने कहा था कि कांग्रेस में सीएम पद के चेहरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। पहले ही कह चुका हूं कि मैं किसी पद की दौड़ में नहीं हूं।

कमलनाथ ने स्पष्टीकरण के साथ दी यह सफाई

कमलनाथ ने वायरल खबर पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी तो मुझे है, क्योंकि मैं छिंदवाड़ा का नहीं हूं। छिंदवाड़ा जिले की सौसर विधानसभा का हूं। मेरा निवास सौसर विधानसभा के अंतर्गत आता है। सौसर वाले मुझसे कहते हैं कि आप सौसर से चुनाव क्यों नहीं लड़ते ? मैं उनसे कहता हूं कि मेरी पहचान छिंदवाड़ा से है। कम ही लोगों ने सौसर का नाम सुना होगा। मैं कुछ समय बाद तय करूंगा कि मुझे कहां से चुनाव लड़ना है सौसर या छिंदवाड़ा से। मैंने उस संदर्भ में यह बात की थी, जब स्थानीय लोगों को टिकट देने की बात की गई थी।

पेट्रोल पंप पर कहीं आप भी इस तरह तो नहीं लुट रहे…

सीएम शिवराज ने यह पूछा

सीएम शिवराज ने कहा कि कमलनाथ क्या कह रहे हैं मुझे समझ नहीं आता है ? अब वो कह रहे हैं कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा। उनकी IT सेल ने फट से खंडन कर दिया कि अब वो अवश्यंभावी है। तुम्हारे बिना दुनिया नहीं चल सकती, कांग्रेस नहीं चल सकती। ऐसा लग रहा है कि कमलनाथ के अलावा कुछ है ही नहीं। अवश्यंभावी मुख्यमंत्री होता क्या है ? मुख्यमंत्री हमने देखा है। भूतपूर्व देखा अवश्यंभावी मुख्यमंत्री क्या होता है ? आपके IT सेल ने आपको अवश्यंभावी मुख्यमंत्री बना दिया।