Bhopal News: मध्यप्रदेश में वकीलों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है। हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए तुरन्त काम पर लौटने का निर्देश दिया है। मध्य प्रदेश के 92 हजार वकील आज भी हड़ताल पर रहेंगे। प्रदेशभर के वकीलों की कलम बंद हड़ताल 23 मार्च से चल रही है।प्रकरण निराकरण की नई योजना के विरोध में वकीलों की हड़ताल जारी है।
वकीलों की हड़ताल के कारण कई मामलों में लोगों को जमानत नहीं मिल पाने से जेल में कैदियों की संख्या बढ़ रही है, वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद स्टेट बार काउंसिल ने दो टूक कह दिया है कि हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। हाईकोर्ट ने पुराने 25 प्रकरणों को तीन महीने में निबटाने का आदेश दिया है। सभी जिला अदालतें में तीन महीने में 25 पुराने केस निबटाने का आदेश है। वकीलों में 3 महीने की लाइम लिमिट पर नाराजगी है। मध्यप्रदेश की अदालतों में 19 लाख 78 हजार केस पेंडिंग है। भोपाल में जिला अभिभाषक संघ कार्यालय में अधिवक्ता संघों का महासम्मेलन होने वाला है। इसमें 52 जिलों के 158 तहसीलों से अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी शामिल होने वाले हैं।
हाईकोर्ट ने अपनाया कड़ा रूख-
इससे पहले शुक्रवार को हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं की हड़ताल का स्वतः संज्ञान लेते हुए आदेश दिया है कि वकील तत्काल काम पर लौटें। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने स्पष्ट आदेश दिया है कि यदि आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो इस रवैये को अवज्ञाकारक माना जाएगा, साथ ही वकीलों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि जिस तरह की बातें सामने आ रही है उससे हम चिंतित और दुखी हैं।
हड़ताल खत्म नहीं करेंगे-
हाईकोर्ट के निर्देश को लेकर स्टेट बार काउंसिल जबाव देते हुए कहा कि- हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। स्टेट बार काउंसिल मध्यप्रदेश जबलपुर के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने वीडियो जारी कर प्रदेश के वकीलों से आह्वान किया है। कहा कि आदेश के विरोध में वकील एकजुट रहे। अवमानना की कार्रवाई के लिए मैं तैयार हूं। अगर जेल जाना पड़ेगा, तो सबसे पहले व्यक्ति मैं ही होऊंगा। कल दिल्ली में न्यायमूर्ति जीतेंद्र महेश्वरी से मुलाकात करूंगा। उनसे निवेदन करूंगा कि सीजेआई के समक्ष पूरे प्रकरण को रखें।