टीकरी/दिल्ली। देश में चल रहे किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया। नए कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया भी भले ही शुरू हो गई, लेकिन एमएसपी समेत दूसरी मांगों को लेकर किसान अभी भी आंदोलन पर डटे हैं। टीकरी बॉर्डर के पास सेक्टर-13 में 7 एकड़ क्षेत्र में किसान महापंचायत शुरू हो गई है। किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां महापंचायत में पहुंच गए हैं। उग्राहां ने महापंचायत में कहा कि किसान की मांग पर जवाब अभी नहीं आया है।
MSP पर कानून और मुकम्मल मांग पूरी होने पर वापसी
संयुक्त मोर्चा के पत्र का जवाब आ जाएगा तो किसान घर चले जाएंगे। एमएसपी समेत दूसरी मांगों पर भी फैसला लिया जाना अभी बाकी। उग्राहां ने कहा यह पंचायत किसानों की जीत का जश्न मनाने के लिए आहूत की गई है। किसान संघर्ष का एलान करने के लिए यह महापंचायत बुलाई गई है और जब तक मुक्कमल मांग पूरी नहीं होगी घर वापसी नहीं होगी। उन्होने कहा कि घर वापस जाने का मन करता है, लेकिन अभी सरकार के जवाब उचित जवाब का इंतजार है।
Haryana | Farmers hold ‘Kisan Mahapanchayat’ on the first anniversary of protests against the three farm laws at Bahadurgarh pic.twitter.com/XFb9zWqst1
— ANI (@ANI) November 26, 2021
पंचायत में बड़ी संख्या में पंजाब के किसान पहुंचे
इस महापंचायत को लेकर हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं। किसानों के दिल में एक तरफ कृषि कानूनों की वापसी से उत्साह है, तो दूसरी तरफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले साथी किसानों की मौत का गम भी साफ दिख रहा है। उन्होंने बताया कि महापंचायत में आंदोलन की रणनीति पर चर्चा के साथ ही एक साल की तमाम गतिविधियों पर किसान नेता अपने विचार रखेंगे। इधर टीकरी बॉर्डर पर भी सुबह से ही चहल-पहल बढ़ गई है।
हजारों की संख्या में पहुंच रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद से ही किसानों के जत्थे लगातार टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। गुरुवार की रात से शुक्रवार की सुबह तक हजारों की संख्या में और भी किसान टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे हैं। किसान अपने साथ राशन-पानी सब लेकर आए हैं। इससे स्पष्ट है कि किसान यूनियन ने आंदोलन को खत्म करने की बजाय आगे भी जारी रखने की रणनीति बनाई है। कई ट्रैक्टरों में पंजाब से किसान सिर्फ खाद्य सामग्री ही लेकर पहुंचे हैं। किसान नेता पहले ही कह चुके हैं कि एमएसपी की गारंटी कानूनी और अन्य मांगों को मनवाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन की सालगिरह पर किसानों का शक्ति प्रदर्शन
दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन को शुक्रवार को एक साल पूरा हो गया। प्रधानमंत्री की कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के साथ ही 24 नवंबर को इन कानूनों की वापसी पर केन्द्रीय कैबिनेट की मोहर भी लग चुकी है, लेकिन उसके बाद भी आंदोलन खत्म होने की बजाय किसानों ने दोनों बॉर्डर पर आंदोलन की सालगिरह मनाने का ऐलान किया है। इसकी वजह है एमएसपी पर गारंटी कानून और अन्य तमाम मुद्दे। साथ ही किसान एक बार फिर ताकत दिखाना चाहते हैं।
Farmers in large numbers gathered at the Singhu border to observe the first anniversary of protest against the three farm laws pic.twitter.com/gDBjr2VLgN
— ANI (@ANI) November 26, 2021
महापंचायत में किसानों के भारी जमावड़ा
संयुक्त किसान मोर्चा ने संसद सत्र शुरू होने पर 29 नवंबर से हर दिन सिंघु और टीकरी बॉर्डर से 500-500 किसानों के साथ संसद तक ट्रैक्टर मार्च करने का कार्यक्रम तय किया हुआ है। इसके साथ ही आज बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ जुटाने का दावा किया है। इसको देखते हुए दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा पुलिस भी अलर्ट हो चुकी है। चूंकि एक माह पहले ही किसान संगठनों के साथ बातचीत के बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से टीकरी बॉर्डर पर की गई भारी-भरकम बैरिकेडिंग हट चुकी है।